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भोपाल (Bhopal) में आबकारी विभाग के उपायुक्त आलोक खरे के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और रीवा स्थित ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी [ED]) ने सोमवार सुबह बड़ी छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान एक और आबकारी अधिकारी के घर भी सर्चिंग की गई। यह मामला फर्जी एफडी (Fake FD) और आबकारी घोटाले (Excise Scam) से जुड़ा बताया जा रहा है।
लोकायुक्त की जांच से शुरू हुई कार्रवाई
छह साल पहले लोकायुक्त पुलिस ने आलोक खरे के सात ठिकानों पर छापा मारा था। भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर में मिले करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ था। खास बात यह रही कि इंदौर के पॉश इलाके में पैंट हाउस, भोपाल के बाग मुंगालिया में बड़े बंगले, फार्महाउस की जमीन और रायसेन में दो फार्महाउस की जानकारी सामने आई थी।
विदेशी मुद्रा (करेंसी) और कैश भी बरामद
लोकायुक्त जांच में रायसेन फार्महाउस से पांच लाख रुपये और इंदौर के बंगले से दस लाख रुपये नकद मिले थे। साथ ही, छतरपुर स्थित घर से विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई थी। खरे ने अपनी संपत्तियों का स्रोत फलों की खेती (Fruit Farming) बताया था, जो अब जांच के दायरे में है।
कांग्रेस ने लगाया सरकार की मिलीभगत होने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि आबकारी विभाग के फर्जी चालान कांड के मुख्य आरोपी संजीव दुबे को सरकार ने जबलपुर में क्यों पदस्थ किया? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ईडी (ED) केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है और भाजपा (BJP) अवैध वसूली को संरक्षण दे रही है। पार्टी के मुताबिक, अवैध वसूली के जरिए 22 करोड़ रुपये सरकार के खाते में जमा कराए गए हैं, लेकिन इसका स्रोत अब भी सवालों के घेरे में है।
इंदौर में 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
इंदौर (Indore) में ईडी ने एक साथ 18 ठिकानों पर छापे मारे, जिनमें प्रमुख शराब कारोबारी भी शामिल हैं। बसंत बिहार कॉलोनी, तुलसी नगर, महालक्ष्मी नगर जैसे क्षेत्रों में टीमों ने अल सुबह से सर्चिंग शुरू कर दी थी। ईडी सूत्रों के मुताबिक, कार्रवाई आबकारी घोटाले और फर्जी चालान (Fake Challan) घोटाले से जुड़ी है, जिसकी रकम करीब 100 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, रीवा और मंदसौर जिलों में शराब कारोबार से जुड़े व्यापारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है।
FIR की पीडीएफ देखें
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आबकारी घोटाला: कैसे हुआ था फर्जीवाड़ा?
2015 से 2018 के बीच इंदौर जिला आबकारी कार्यालय में सरकारी गोदाम से शराब उठाने के लिए बैंक चालानों में गड़बड़ी की गई थी। हजारों के चालानों को लाखों का दिखाकर ठेकेदारों ने अतिरिक्त शराब उठाकर मोटी कमाई की थी। ईडी ने 2024 में शिकायत मिलने पर इस मामले में जांच शुरू की थी।
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इन शराब कारोबारियों के ठिकानों पर पड़े छापे
- अविनाश और विजय श्रीवास्तव (एमजी रोड समूह)
- राकेश जायसवाल (जीपीओ चौराहा समूह)
- योगेंद्र जायसवाल (तोपखाना समूह)
- राहुल चौकसे (बायपास चौराहा देवगुराड़िया समूह)
- सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल
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इंदौर आबकारी घोटाले में कार्रवाई | bhopal raid | आबकारी अधिकारी आलोक खरे