भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों के बीच खासी चर्चा बटोरी है। देश विरोधी नारे लगाने वाले फैजान खान को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अनोखी शर्त पर जमानत दी है। फैजान, जिसने मई 2024 में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' (Pakistan Zindabad) और 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' (Hindustan Murdabad) के नारे लगाए थे। फैजान ने अब तिरंगे को 21 बार सलामी (Salami) दी और 'भारत माता की जय' (Bharat Mata Ki Jay) का नारा भी लगाया।
#BreakingNow: भोपाल में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले आरोपी फैजान ने तिरंगे को दी सलामी
— TheSootr (@TheSootr) October 22, 2024
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जमानत की अनोखी शर्त
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैजान को जमानत देने के लिए एक शर्त रखी थी कि वह हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को मिसरोद थाने (Misrod Police Station) में जाकर तिरंगे को सलामी देगा और भारत माता की जय का नारा लगाएगा। इसी शर्त के तहत 22 अक्टूबर 2024 को फैजान ने पहली बार यह कदम उठाया। थाने में मौजूद अधिकारियों ने इस घटना को रेखांकित किया और कहा कि यह उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो के माध्यम से ऐसी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होते हैं।
मिसरोद थाना प्रभारी मनीष राज सिंह (Station In-Charge Manish Raj Singh) ने कहा कि फैजान को अदालत की शर्तों के मुताबिक हाजिरी देने के लिए 10 से 12 बजे के बीच थाने में उपस्थित होना अनिवार्य है। इसी के साथ उसे हर बार तिरंगे को सलामी देना और देश के समर्थन में नारे लगाने होंगे। यह कदम कोर्ट द्वारा फैजान की देश विरोधी गतिविधियों पर एक सख्त दृष्टिकोण के तहत उठाया गया है।
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'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा और गिरफ्तारी
17 मई 2024 को फैजान ने भोपाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए थे। इसके बाद, उसे आईपीसी की धारा 153 (IPC Section 153) के तहत 'शत्रुता को बढ़ावा देने' के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि फैजान के खिलाफ पहले से ही 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई गंभीर श्रेणी के हैं। फैजान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, इसे लेकर खासा आक्रोश फैला था।
जमानत पर विवाद
सरकारी वकील (Public Prosecutor) ने फैजान की जमानत का कड़ा विरोध किया, उनका तर्क था कि आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि है और वह एक गंभीर अपराध में संलिप्त है। हालांकि, फैजान के वकील ने अदालत से कुछ शर्तों के साथ उसे जमानत देने की अपील की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैजान को 50,000 रुपये के निजी मुचलके (Personal Bond of ₹50,000) और ट्रायल कोर्ट (Trial Court) में इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत के फैसले की सराहना
हाईकोर्ट के इस फैसले को एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम उन लोगों के लिए एक सख्त चेतावनी है जो इस तरह के देश विरोधी कृत्यों में संलिप्त होते हैं और इसे हल्के में लेते हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, और इसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जिससे समाज में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
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