GMC Bhopal: भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज का माहौल जहरीला, 36 घंटे तक बिना सोए काम कर रहे डॉक्टर

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एक गुमनाम लेटर के सामने आने से हड़कंप मच गया। इस लेटर में जीएमसी के माहौल का जिक्र है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के माहौल को टॉक्सिक बताया गया है। 

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
िनिनिन

Bhopal Gandhi Medical College

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ( Bhopal Gandhi Medical College ) के डॉक्टरों ने FAIMA अध्यक्ष को पत्र लिखकर सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दी है। इन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज ( GMC Bhopal ) के माहौल को जहरीला बताया है। इस लेटर में 31 मई को ग्रुप सुसाइड का जिक्र है। इसके अलावा अस्पताल में बिना सोए 24 घंटे से 36 घंटे तक काम कराने, बिना छुट्‌टी लिए काम के बावजूद गलतियां नहीं होने पर भी सीनियर्स और एडवाइजर्स के द्वारा मौखिक दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया गया है। 

फाइमा अध्‍यक्ष के नाम लिखा गया लेटर

चिट्‌ठी में एड्रेस की जगह 'द 5 रेजिडेंस ऑफ टॉक्सिसिटी हब,' गांधी मेडिकल कॉलेज, हमीदिया हॉस्पिटल लिखा है। चिट्‌ठी फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA ) नई दिल्ली के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखी गई है।

ये खबर भी पढ़िए...RGVP SCAM : पूर्व कुलपति सुनील कुमार की जमानत पर सुनवाई आज

वायरल लेटर में क्‍या लिखा ?

चिट्टी (GMC Bhopal) में किसी भी रेजिडेंस डॉक्टर के नाम का उल्‍लेख नहीं है। लेटर में लिखा है कि जिस किसी को भी ये लेटर मिला, उसे विषैला नमस्कार। जीएमसी (GMC Bhopal)  (हमीदिया अस्पताल) में दिन-रात, हम जहरीली सांस ले रहे हैं। हम काफी समय से इस जहरीली संस्कृति का हिस्सा बने हुए हैं। हमने सोचा था कि डॉक्टरों की शहादत के बाद कुछ बदल जाएगा, लेकिन चीजें अभी भी वैसी ही हैं।

्म्म

24 से 36 घंटे तक काम कराने का जिक्र

अस्पताल में बिना सोए 24 घंटे से ज्यादा समय तक (कभी-कभी 36 घंटे से ज्यादा) लगातार काम करना पड़ता है। बिना छुट्‌टी लिए काम के बावजूद गलतियां नहीं होने पर भी सीनियर्स और एडवाइजर्स मौखिक दुर्व्यवहार करते हैं। कुछ कहते हैं, तो धमकाते हैं। कहते हैं- "चुप रहो, नहीं तो परीक्षा में पास नहीं होंगे" और "डिग्री डिप्लोमा नहीं दिया जाएगा"।'

डॉक्टरों ने दी ग्रुप सुसाइड की चेतावनी

चिट्‌ठी में गांधी मेडिकल कॉलेज के पांचों रेजिडेंस डॉक्टरों ने 31 मई को एक साथ कॉलेज में ही सामूहिक आत्महत्या करने की बात कही है। साथ ही, चिट्‌ठी को ही सुसाइड नोट के रूप में मान्य किए जाने की बात कही है।

सीएम को लिखा- आप हमारी परेशामनी समझें 

चिट्‌ठी में लिखा है कि अगर मुख्यमंत्री लेटर पढ़ रहे हैं, तो माननीय आप तो हमारी परेशानी समझें। क्योंकि आपकी बेटी ने खुद डॉक्टरी की पढ़ाई की है। हम भी आपके बच्चों के जैसे हैं। इसे व्यर्थ की शिकायत न समझें। हम चाहते हैं कि हम अच्छा काम सीखें। डिग्री लें और अच्छी मेडिकल सेवाएं दें। लेकिन, यहां का माहौल हमें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है।

जांच के लिए बनाई कमेटी

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ( GMC Bhopal ) (फाइमा) ने इस लेटर के सामने आने के बाद सात सदस्यीय समिति गठित कर दी है। फाइमा के स्टेट चेयरमैन डॉक्टर आकाश सोनी ने जानकारी दी है कि फाइमा इस गुमनाम लेटर (GMC Bhopal) की सत्यता कितनी है इसकी पुष्टि नहीं करता है। नेशनल चेयरमैन डॉ. रोहन कृष्णन को लेटर मिला है। सात सदस्यीय कमेटी में फाइमा ( GMC Bhopal ) के नेशनल चेयरमैन डॉक्टर रोहन कृष्णन, कंसल्टेंट चेयरमैन डॉक्टर अपराजिता सिंह, नेशनल वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर संदीप डगर, नेशनल सेक्रेटरी डॉक्टर ऋषि राज सिन्हा, स्टेट चेयरमैन डॉक्टर आकाश सोनी, जॉइंट सेक्रेटरी डॉक्टर प्राची बंसल और स्टेट प्रेसिडेंट डॉक्टर हरीश पाठक शामिल हैं।

गांधी मेडिकल कॉलेज Bhopal Gandhi Medical College GMC Bhopal