भोपाल-इंदौर मास्टर प्लान बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने धारा 16 पर लगाई रोक

शहरों की तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए भोपाल-इंदौर के नए मास्टर प्लान का निवेश एरिया भी बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में प्लान आने से पहले धारा 16 में अनुमति लेकर बिल्डर धड़ाधड़ कॉलोनी डेवलप करने में लग गए हैं...

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Sandeep Kumar
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टाउन कंट्री प्लानिंग की इस धारा में सबसे ज्यादा अनुमति इंदौर में हुई

BHOPAL. भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान ( master plan ) की प्लानिंग कहीं गड़बड़ा न जाए इसे देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ( Chief Minister Mohan Yadav ) ने तत्काल प्रभाव से धारा 16 में दी जा रही विकास अनुमति पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। दरअसल नए मास्टर प्लान में देरी होने के चलते प्लानिंग एरिया के बाहर जरुरी विकास के लिए इस धारा का उपयोग कर ​अनुमति दी जाती है, लेकिन बिल्डर और अफसरों की सांठ-गांठ के चलते बड़ी बड़ी कॉलोनियों इस धारा में धड़ल्ले से अनुमति दी गईं, सबसे ज्यादा अनुमति इंदौर में दी गईं हैं। धारा 16 के दुरपयोग और आने वाले भोपाल-इंदौर मास्टर प्लान पर इसके असर को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल इस पर रोक लगाने को कहा है। 

बिल्डर धड़ाधड़ कॉलोनी डेवलप करने में लगे

शहरों की तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए भोपाल-इंदौर के नए मास्टर प्लान का निवेश एरिया भी बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में प्लान आने से पहले धारा 16 में अनुमति लेकर बिल्डर धड़ाधड़ कॉलोनी डेवलप करने में लग गए हैं, इसका सीधा असर नए मास्टर प्लान की प्लानिंग पर आता दिख रहा है। शहर के ट्रैफिक से लेकर पेयजल और सीवर लाईन, ग्रीन बेल्ट आदि महत्वपूर्ण प्लानिंग के इश्यू इससे गड़बड़ाते दिख रहे थे। कुल मिलाकर कहा जाए तो आने वाले समय में शहर का विकास गड़बड़ा सकता है, जिस तेजी से भोपाल—इंदौर में आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से मेट्रो, फ्लाय ओवर सहित चौड़ी चौड़ी सड़कों की प्लानिंग करना होगी, ऐसे में निवेश क्षेत्र के बाहर बिना प्लानिंग के कॉलोनी बनने से शहर का डेवलपमेंट गड़बड़ा सकता है। 

क्रेडाई के कहने पर मंत्री विजयवर्गीय ने खोली थी धारा 

पिछली सरकार ने धारा 16 की अनुमति पर रोक लगा रखी थी, हालांकि इसके लिए लिखित में कोई आदेश जारी नहीं हुए थे। पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह ​बैं​स ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों को धारा 16 में अनुमति न देने के मौखिक आदेश दे रखे थे, इसके चलते अफसरों ने इस पर रोक लगा रखी थी। नई सरकार बनने के बाद ​कैलाश विजयवर्गीय नगरीय प्रशासन मंत्री बने। उनके मंत्री बनते ही इंदौर क्रेडाई के पदाधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर शहर के विकास को लेकर चर्चा की। क्रेडाई के पदाधिकारियों ने बताया​ कि इंदौर मास्टर प्लान लंबे समय से अटका हुआ है, ऐसे में प्लान न आने के कारण विकास नहीं हो पा रहा है। क्रेडाई के पदाधिकारियों ने प्लान में शामिल 79 गांवों की अनुमतियों पर लगी रोक के बारे में भी चर्चा की, उन्होंने कहा कि जब तक प्लान नहीं आता तब तक के लिए इन गांवों में धारा 16 में अनुमति देने का प्रावधान किया जाए। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सहमति जताई और आश्वस्त किया कि धारा 16 के प्रोजेक्टों में मंजूरी के काम में गति आएगी और प्रक्रिया को भी आसान करेंगे।

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