भोपाल में मासूम से दरिंदगी के बाद स्कूल की मान्यता रद्द, फास्ट ट्रैक में सुनवाई कराने की तैयारी

पुलिस को पूछताछ में रेप के आरोपी शिक्षक के बारे में नई-नई जानकारी मिल रही है। आरोपी के मोबाइल फोन में पुलिस को 100 से ज्यादा अश्लील वीडियो क्लिप मिले हैं। इससे बच्चियों के प्रति उसकी गंदी मानसिक स्थिति को देखते हुए पुलिस पड़ताल कर साक्ष्य जुटा रही है। 

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. राजधानी में तीन साल की मासूम से रेप की वारदात के बाद प्रशासन ने लापरवाही के चलते स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। जनाक्रोश को देखते हुए पुलिस एक दिन पहले ही स्कूल को सील कर चुकी है। पुलिस को पूछताछ में रेप के आरोपी शिक्षक के बारे में नई-नई जानकारी मिल रही है। आरोपी के मोबाइल फोन में पुलिस को 100 से ज्यादा अश्लील वीडियो क्लिप मिले हैं। इससे बच्चियों के प्रति उसकी गंदी मानसिक स्थिति को देखते हुए पुलिस पड़ताल कर साक्ष्य जुटा रही है। वहीं इस वारदात के बाद राजधानी के स्कूल में एक बार फिर बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। मोटी फीस वसूलने वाले स्कूलों पर जिम्मेदारी कैसे कसी जाए प्रशासन इस सवाल का जवाब नहीं दे पा रहा है। वहीं अफसर हर घटना के बाद ही तरह कार्रवाई में व्यस्त नजर आ रहे हैं। मामले की जांच जल्द पूरी कर एक सप्ताह में फास्ट ट्रैक कोर्ट में चालान पेश कर सुनवाई शुरू कराने की तैयारी भी की जा रही है। 

फिर याद आई तीन साल पुरानी वारदात 

निजी स्कूल की 3 साल की मासूम छात्रा से टीचर द्वारा गंदी हरकत करने का मामला राजधानी में गरमाया हुआ है। इस वारदात के बाद एक बार फिर पुलिस, प्रशासन, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग में हड़कंप मचा हुआ है। मासूम को न्याय दिलाने की होड़ में हर कोई आगे दिखने में जुट गया है। लेकिन इस वारदात ने नीलबड़ इलाके में चर्चित निजी स्कूल की छात्रा से रेप की तीन साल पुरानी घटना को फिर ताजा कर दिया है। उस वारदात के बाद भी प्रशासनिक अमला और पुलिस ऐसे ही भागदौड़ करता दिख रहा था। तब स्कूल परिसर से लेकर बच्चियों को लाने ले जाने वाली बसों में भी उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेकर मैराथन बैठकें हुई थीं। प्रशासन ने इसको लेकर लंबी-चौड़ी गाइडलाइन भी तय कर दी थी, लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही अफसर इसकी निगरानी करना भूल गए। 

सवाल, बच्चियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कौन 

कमलानगर थाना पुलिस मासूम से दरिंदगी करने वाले टीचर से कई स्तर पर पूछताछ कर चुकी है। उसके मोबाइल के डेटा, ऑनलाइन चैटिंग और कॉल डिटेल को भी खंगाला गया है। इसमें युवक के दिमाग में बच्चियों को लेकर अश्लीलता भरी हुई थी। बच्ची के साथ गंदी हरकत करने से पहले भी आरोपी टीचर ने स्कूल में पोर्न वीडियो क्लिप देखी थी। वीडियो क्लिप देखते समय उसे बच्ची नजर आई और वह उसके पीछे टायलेट में घुस गया। पुलिस पड़ताल में यह भी सामने आया है कि बच्चियों के टायलेट के आसपास कोई महिला कर्मचारी नहीं थी। पुरुष टीचर्स के यहां से आने- जाने पर भी रोक नहीं थी। आरोपी ने इसी का फायदा उठाया। यदि टायलेट के आसपास महिला कर्मचारी की निगरानी होती तो वह वारदात को अंजाम देने में कामयाब नहीं होता। 

तगड़ी फीस वसूली पर ध्यान, बच्चों पर नहीं  

साल 2021 में नीलबड़ क्षेत्र के चर्चित स्कूल के बाद कमलानगर क्षेत्र के निजी स्कूल में मासूम बच्ची से दरिंदगी पर लोगों जबरदस्त नाराजगी है। बीते दो दिनों से अभिभावक और सामाजिक संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको देखते हुए प्रशासन के आदेश पर स्कूल को सील कर दिया गया है। वहीं शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल की मान्यता रद्द करने की जानकारी भी सामने आई है। लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर है कि स्कूल एडमिशन के दौरान तगड़ी कमाई करते हैं।र्नर्सरी और प्राइमरी क्लास में एडमिशन के बदले में 50 हजार से लेकर 75 हजार वसूले जाते हैं। स्कूल प्रबंधन तब हजार वायदे करता है लेकिन बाद में बच्चों की सुरक्षा भगवानभरोसे छोड़ दी जाती है। ऐसी घटना के बाद कभी सीसीटीवी कैमरे खराब हो जाते है तो कई बार उस जगह कैमरे लगे ही नहीं मिलते। तीन साल में दो वारदात हो चुकी हैं। प्रशासन निजी स्कूलों पर कसावट नहीं कर पा रहा है। वारदात के बाद अफसर आदेश जारी करते हैं और फिर भूल जाते हैं। अभिभावकों का कहना है, स्कूल बस में सवार होने से लेकर घर वापस लौटने तक बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। ऐसी घटनाओं के बाद स्कूल प्रबंधन पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 

स्कूल की सफाई, जिम्मेदारी मानने को तैयार नहीं 

मासूम अब अपने माता-पिता के पास है और पुलिस पड़ताल में जुटी है। घटना की कड़ियां जोड़ने के लिए पुलिस स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ कर रही है। स्कूल की प्राचार्य और महिला शिक्षकों से भी घटना के संबंध में जानकारी जुटाई गई है। इस वीभत्स वारदात पर स्कूल की प्राचार्य ने जो सफाई दी है वह शर्मिंदा करने वाली है। स्कूल परिसर में हुई वारदात पर प्राचार्य यह कहकर बचने की कोशिश कर रही है कि रेप का आरोपी नियमित शिक्षक नहीं है। वह आईटी एक्सपर्ट के रूप में काम के लिए आया था। प्राचार्य का यह बयान यह साबित करने वाला है कि स्कूल में बाहरी व्यक्ति के आने पर निगरानी कैसे होती है। वहीं आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह चार-पांच दिन से बच्ची पर नजर रख रहा था। तीन साल की बच्ची को साफ्ट टारगेट समझकर उसने हरकत की थी और इसी चक्कर में वह फंस गया।

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