राजधानी भोपाल में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में आयकर विभाग के लपेटे में आए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के सर्वेसर्वा राजेश शर्मा और उनकी पत्नी राधिका शर्मा को बेनामी संपत्ति का नोटिस जारी किया गया है। कुल 24 संपत्तियों को लेकर ये नोटिस जारी हुआ है। संपत्तियों की कुल कीमत गाइडलाइन के अनुसार लगभग 40 करोड़ रुपए है, लेकिन बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपए आंका गया है। आपको बतो दें कि विभाग द्वारा बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया है। इन संपत्तियों की खरीद बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है, यानी अब राजेश शर्मा और उनकी पत्नी को इन संपत्तियों से जुड़ी जानकारी विभाग को देनी होगी, साथ ही आय का सोर्स भी बताना होगा। जानकारी न मिलने पर ये संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।
इन संपत्तियों को लेकर जारी हुआ नोटिस, देखें लिस्ट
राधिका शर्मा
41-41 लाख के 3 प्लॉट (सेंट्रल प्रोजेक्ट, भोपाल)
66 लाख 21 हजार का एक प्लॉट (सेंट्रल प्रोजेक्ट, भोपाल)
45 लाख 10 हजार का एक प्लॉट (सेंट्रल प्रोजेक्ट, भोपाल)
हुजूर स्थित 14 लाख 94 हजार की 2 संपत्तियां
32 लाख 94 हजार की जमीन
47 लाख 14 हजार हुजूर स्थित जमीन
29 लाख 6 हजार बरखेड़ा स्थित जमीन
राजेश शर्मा के नाम पर
49 लाख 50 हजार का भोपाल में एक बंगला
3 अन्य संपत्तियां और हैं जिनकी कीमत नहीं बताई गई।
TRIDENT MULTI VENTURES PRIVATE LIMITED
ICONPRO MULTIVENTURES PRIVATE LIMITED
इन दोनों कंपनियों में राजेश शर्मा और राधिका शर्मा डायरेक्टर हैं
राजेश के नाम पर 8 तो उनकी पत्नी के नाम पर 16 संपत्तियां
मध्य प्रदेश आयकर विभाग ने 8 संपत्तियां राजेश शर्मा के नाम और 16 उनकी पत्नी राधिका शर्मा के नाम पर दर्ज की हैं। अब इन संपत्तियों पर बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। जांच पूरी होने तक इन संपत्तियों का लेन-देन संभव नहीं होगा, यानी इन्हें ना खरीदा जा सकेगा और ना ही बेचा जा सकेगा।
प्रमुख इलाकों में है संपत्तियां
जानकारी के अनुसार, ये संपत्तियां राजधानी भोपाल के सेन्ट्रल पार्क और अन्य पॉश इलाकों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें जमीन, प्लॉट, फ्लैट और बिल्डिंग शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि ये संपत्तियां राजेश शर्मा ने एक पूर्व IAS अधिकारी से करीबी संबंधों और अपने रसूख का उपयोग कर अर्जित की थीं।
आगे की कार्रवाई पर नजर
आयकर विभाग इन संपत्तियों पर बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई करेगा। यह मामला अब कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच में है।
आयकर छापे में मिली थी बेनामी संपत्ति
कुछ दिनों पहले आयकर विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा और उनके सहयोगियों के भोपाल, इंदौर सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्तियां सामने आईं। प्रारंभिक जांच में राजेश और उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज संपत्तियों को अटैच कर लिया गया है।
आयकर विभाग कब अटैच करता है प्रॉपर्टी
आयकर विभाग प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया तब करता है जब किसी व्यक्ति या कंपनी पर कर चोरी, बकाया कर भुगतान या कर से जुड़ी अन्य अनियमितताएं पाई जाती हैं। आयकर विभाग के पास यह अधिकार होता है कि वह बकाए करों की वसूली के लिए संबंधित व्यक्ति की संपत्तियों को जब्त कर सके।
आयकर किस स्थिति में करता है प्रॉपर्टी अटैच
1. बकाया कर भुगतान न होने पर : यदि कोई व्यक्ति आयकर विभाग को लंबित कर (टैक्स) नहीं चुका रहा है, तो आयकर विभाग उसकी संपत्तियों को अटैच कर सकता है।
2. Assessment Order के बाद : यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत छानबीन या कार्रवाई होती है और बकाया कर अदायगी के आदेश होते हैं, तो विभाग उस व्यक्ति की संपत्तियों को जब्त कर सकता है।
3. वसूली नोटिस के बाद : आयकर विभाग वसूली नोटिस जारी करने के बाद संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
क्या प्रक्रिया होती है
-सुनवाई और नोटिस: विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजता है और उनसे बकाए कर का भुगतान करने के लिए समय देता है।
-समयसीमा में भुगतान न होने पर: यदि निर्धारित समय में कर की अदायगी नहीं होती, तो आयकर विभाग प्रॉपर्टी अटैच कर सकता है।
-कानूनी कार्रवाई: विभाग जब्त संपत्ति की नीलामी कर सकता है और कर की वसूली करता है।
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