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2015 में भोपाल सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी मोहसिन (Undertrial Prisoner Mohsin) की संदिग्ध मौत का मामला अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रीति साल्वे (Additional Sessions Judge Preeti Salve) ने इस मामले में सभी आरोपियों की रिवीजन याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद अब इन आरोपियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने (Evidence Destruction), और आपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy) के आरोप में केस चलेगा।
यह मामला उस वक्त का है जब मोहसिन की मौत के बाद उसके परिजनों ने कोर्ट में प्राइवेट शिकायत (Private Complaint) दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद जांच किया गया। जांच के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आशीष मिश्रा ने आठ आरोपियों पर आपराधिक धाराएं लगाई थीं।
जानें मौत के बाद क्या हुआ?
मोहसिन की मौत के बाद पोस्टमॉर्टम (Postmortem) रिपोर्ट में यह पता चला कि उसकी मौत 72 घंटे पहले हो चुकी थी। वहीं प्रशासन ने इसे गुपचुप तरीके से छिपाने की कोशिश की थी। डॉक्टरों ने मोहसिन को मानसिक रोगी बताकर उसे ग्वालियर (Gwalior) भेज दिया था। ग्वालियर अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वकील यावर खान (Lawyer Yawar Khan) मोहसिन के परिजनों की तरफ से पैरवी कर रहे थे। यावर खान ने बताया कि शव पर कई चोटों के निशान (Injury Marks) थे। मोहसिन के हाथ की कलाई और एड़ी पर रस्सी बांधने (Rope Marks) के निशान थे और प्राइवेट पार्ट में सूजन भी पाई गई थी।
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जानें आरोपी कौन हैं?
इस मामले में आरोपी एक डॉक्टर समेत टीआई, जेलर, और पुलिसकर्मियों का नाम सामने आया है। जिन पर आरोप लगे हैं, उनमें टीटी नगर थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया, केंद्रीय जेल भोपाल के तत्कालीन जेलर आलोक बाजपेयी, डॉक्टर आरएन साहू और अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। इन पर मोहसिन के साथ मारपीट (Beating) करने और झूठी रिपोर्ट (False Report) तैयार करने के आरोप लगे हैं।
आलोक वाजपेयी, जो अब इंदौर जेल (Indore Jail) में पदस्थ हैं। उनपर आरोप है कि ज्यूडिशियल कस्टडी (Judicial Custody) में भेजे गए मोहसिन को इलाज मुहैया नहीं कराया। इसके साथ ही उसे मारपीट का शिकार बनाया। डॉक्टर आरएन साहू पर आरोप है कि उन्होंने मोहसिन को मनोरोगी बताकर उसे ग्वालियर रेफर किया, जबकि वह मानसिक रूप से स्वस्थ था।
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आरोपियों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
कोर्ट ने जमानती वारंट (Bailable Warrants) जारी कर सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया है। अब इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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