भोपाल में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

बिना कोर्ट की परमिशन के डॉक्टरों की हड़ताल को पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद भी डॉक्टर के द्वारा की गई हड़ताल की मामले की सुनवाई अब जबलपुर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की युगल पीठ में हुई।

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Ravi Singh
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हाई कोर्ट के ही पिछले रिट पिटीशन क्रमांक 4346/2023 के अनुसार ही बिना कोर्ट की परमिशन के डॉक्टरों की हड़ताल को पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद भी डॉक्टर के द्वारा की गई हड़ताल की मामले की सुनवाई अब जबलपुर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की युगल पीठ में हुई।

पहले के आदेश को लाया

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा युगल पीठ में हुई इस मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता अंशुल तिवारी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने कोर्ट के संज्ञान में हाई कोर्ट के द्वारा जारी किए गए पहले के आदेश को लाया गया।

टोकन स्ट्राइक पर भी रोक

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि पिछले आदेश में भी यह स्पष्ट था कि इस तरह की हड़ताल पूरे स्वास्थ्य सेवाओं को लकवा ग्रस्त सा कर देती हैं। इसलिए बिना किसी परमिशन के इस तरह की स्ट्राइक यहां तक की टोकन स्ट्राइक पर भी रोक लगाई गई थी। और अथॉरिटीज को या निर्देश दिया गया था कि डॉक्टर इस तरह की किसी भी हड़ताल पर ना जाएं।

टॉप ऑफ द लिस्ट

इसके बाद न्यायालय ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन गांधी मेडिकल कॉलेज को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है इस मामले की अगली सुनवाई कल शनिवार 17 अगस्त को ही होनी है और यह मामला टॉप ऑफ द लिस्ट रखा गया है।

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