मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार मेट्रो रात में दौड़ी। अब तक जितने बार मेट्रो के ट्रायल हुए वो दिन में हुए। लेकिन इस बार मेट्रो का ट्रायल रात में किया गया। मेट्रो में लगी सभी लाइटें ट्रायल के वक्त चालू थी। मेट्रो ट्रेन( Bhopal metro train ) में लगे विद्युत उपकरणों की जांच के लिए ये ट्रायल किया गया। जानकारी के मुताबिक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो चलाई गई।
मेट्रो के बिजली उपकरण और लाइटिंग टेस्ट
एमपी मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि अभी सुभाष नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बीच मेट्रो का ट्रायल रन किया जा रहा है। हालांकि यह पिछले छह महीने से चल रहा है। अक्सर मेट्रो के संचालन का ट्रायल दिन में ही किया जाता है। लेकिन मेट्रो व कॉरिडोर में लगे बिजली उपकरण और मेट्रो की लाइट चेक करने के लिए इसे मध्य रात्रि में दौड़ाया गया।
रायपुर में पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- हिंदू 4 बच्चे पैदा करें, दो खुद पालें, दो सनातन को दान कर दें
सोलर एनर्जी से भोपाल में दौड़ेगी मेट्रो
मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि भोपाल में इसका संचालन सोलर एनर्जी से होगा। मेट्रो स्टेशनों पर भी वाहनों के लिए ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार ने एमपी मेट्रो के अधिकारियों को दिया है। इसके अनुसार लिफ्ट का स्टार्टर की बजाय वीएफडी सिस्टम से संचालित किया जाएगा। जिससे अनियमित बिजली आपूर्ति पर भी लिफ्ट बंद न हो। बिजली आपूर्ति में अनियमितता के चलते एलईडी लाइट 140 ल्यूमिन की होगी, जिससे बल्ब खराब न हों।
कॉरिडोर का 95 प्रतिशत काम पूरा
जानकारी के मुताबिक राजधानी के रहवासियों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। एम्स से सुभाष नगर के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हालांकि हबीबगंज नाके के पास स्टील ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इसके बनने के बाद सितंबर 2024 से एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू कर दिया जाएगा। एम्स से सुभाष नगर तक एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार होने के बाद सुभाष नगर से करोंद के बीच कॉरिडोर बनाने का काम शुरू होगा। इसमें पातरा पुल के पास आरा मिल से सिंधी कालोनी तक 3.39 किलोमीटर का मार्ग भूमिगत होगा। इसके लिए जमीन के 20 मीटर नीचे टनल बनाई जाएगी।