MP News: भोपाल जिले में पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के लंबे समय से एक ही हल्का और तहसील में पदस्थ रहने के मामले में आखिरकार प्रशासन ने कदम उठाया है। हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, 33 पटवारियों और 84 राजस्व निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं। इन सभी को दूसरी जगह भेजा गया है। सांसद आलोक शर्मा ने करीब 8 महीने पहले प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप के सामने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया था।
सिर्फ कुछ पर ही हुई कार्रवाई
सांसद शर्मा ने जिन 183 कर्मचारियों की सूची कलेक्टर को सौंपी थी, उनमें से आधों पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जानकारी के अनुसार, हुजूर और बैरसिया तहसील में 84-84 पटवारी, जबकि कोलार में 15 पटवारी 3 साल से अधिक समय से एक ही हल्के में पदस्थ थे।
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23 साल से एक ही तहसील में जमे हुए हैं कई पटवारी
बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने जो सूची दी थी, उनमें से कई ऐसे नाम हैं जो 15 से 23 वर्षों से एक ही तहसील में पदस्थ हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र सक्सेना, धर्मेंद्र कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश बंकरिया, मंगलेश खंडेलवाल, प्रियंका सिलावट, अभिषेक शर्मा आदि।
इनमें से कुछ नाम हाल ही में जारी लिस्ट में भी शामिल हैं, यानी वे अब भी स्थानांतरित नहीं किए गए हैं।
नियमों की अनदेखी कर रहे अधिकारी
नियमानुसार, किसी भी पटवारी को तीन साल पूरे होने पर हल्का बदल देना चाहिए। वहीं, तहसील पदस्थापन की सीमा पाँच साल मानी जाती है। परंतु भोपाल जिले में कई कर्मचारी इस सीमा को पार कर 8 से 23 साल से एक ही जगह जमे हुए थे।
यह भी सामने आया है कि कई पटवारी वल्लभ भवन के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त कर फिर से पुराने हल्के में पदस्थ हो जाते हैं।
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जनप्रतिनिधियों को मिलीं शिकायतें
पटवारियों और RI के खिलाफ भ्रष्टाचार, मिलीभगत और पक्षपात जैसी शिकायतें जनप्रतिनिधियों तक पहुंचीं, जिससे सांसद आलोक शर्मा को इस मुद्दे को मजबूती से उठाना पड़ा। उन्होंने कहा था कि ऐसे कर्मचारियों के कारण "ऑफिस की छवि खराब होती है।"
राजस्व निरीक्षकों की लिस्ट...