राजधानी भोपाल में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के लिए बड़े पैचवर्क के काम की कवायद शुरू हो गई है। 162 किमी लंबी सड़कों पर पहले ₹1.25 करोड़ की लागत से पैचवर्क किया गया था, लेकिन इन पैचवर्क के कारण सड़कों पर छोटे-छोटे ऊंचे-नीचे स्पॉट बन गए, जिनकी ऊंचाई 40 मिमी या उससे अधिक है। इनसे गुजरते वक्त वाहन चालकों को झटके का सामना करना पड़ता है। अब पीडब्ल्यूडी (PWD) ने इन पैचवर्क को सपाट करने के लिए फिर ₹7 करोड़ की मंजूरी दी है।
पेवर फिनिशर से सुधरेगी सतह
पीडब्ल्यूडी अब पेवर फिनिशर तकनीक का उपयोग कर रहा है, जिससे 20-25 मिमी ऊंचाई की नई सतह बनाई जाएगी। यह सतह वाहन चालकों को बिना झटके के यात्रा करने का अनुभव देगी। विभाग के प्रमुख अभियंता केपीएस राणा ने सभी चीफ इंजीनियर्स को इस योजना को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
व्हाइट टॉपिंग पर नहीं होगा काम
यह काम उन 300 किमी लंबी सड़कों पर नहीं किया जाएगा, जिन्हें व्हाइट टॉपिंग से बनाने का निर्णय लिया गया है। व्हाइट टॉपिंग में मजबूत और टिकाऊ सतह बनाई जाती है, जिससे सड़क लंबे समय तक बेहतर रहती है।
सड़कों पर पहचान का बोर्ड
पीडब्ल्यूडी अब अपने निर्माण कार्यों पर ओनरशिप बोर्ड लगाने की योजना बना रहा है। इससे विभाग की सड़कों को अन्य एजेंसियों की सड़कों से अलग पहचान मिलेगी। ईएनसी राणा विभिन्न शहरों में निरीक्षण करेंगे और लापरवाही मिलने पर संबंधित इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाएगी।
ज्यादातर गारंटी वाली सड़कें
पैचवर्क की ज्यादातर सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी के तहत हैं। विभाग का दावा है कि पेवर फिनिशर की मदद से सड़कों की सतह को स्थिर और बेहतर बनाया जाएगा।
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