BHOPAL. मध्य प्रदेश में पुलिस के कड़े एक्शन के बाद भी साइबर क्राइम बढ़ते ही जा रहे हैं। शातिर जालसाज हर रोज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा कर मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे है। साइबर ठग जनप्रतिनिधियों को भी अपना शिकार बना रहे हैं।
ऐसा ही हैरान करने वाला मामला मुरैना जिले से सामने आया है। यहां ठगों ने सबलगढ़ से बीजेपी विधायक सरला रावत के भतीजे-भतीजी से 70 हजार रुपए ठग लिए। अपने परिजनों के मोबाइल नंबर विधायक ने ही ठग को दिए थे।
ठग ने भतीजे और भतीजे को बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा देकर फंसाया, फिर दोनों से रुपये ले लिए। एक से 45 हजार रुपये और दूसरे से 25 हजार रुपये ले लिए। इस मामले में जब ठगी का खुलासा हुआ तब पुलिस से शिकायत की गई। ग्वालियर के बेलगढ़ा थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने जांच में ठग का नबंर यूपी का निकला, पते का वेरिफिकेशन किया तो वह फर्जी निकला।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि पूरा मामला 4 फरवरी 2024 की है, जब सबलगढ़ विधायक सरला रावत के फोन पर एक अनजान व्यक्ति का कॉल आया। यह कॉल उनके पीएसओ ने रिसीव किया। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई सबलगढ़ ब्रांच का मैनेजर बताया। उसने कहा कि बैंक में दो पद रिक्त हैं। इस बात की जानकारी पीएसओ ने विधायक को दी। विधायक के कहने पर पीएसओ ने उनके भतीजे और भतीजी के मोबाइल नंबर ठग को दे दिए। साथ ही भतीजे-भतीजी को वो नंबर दे दिया जिससे कॉल आया था। यह भी कहा कि इस नंबर से एसबीआई के मैनेजर का कॉल आएगा, वो जैसा कहें वैसा करते जाना।
डॉक्यूमेंट मांगने के बाद दोनों के साथ ठगी
बेलगढ़ा थाना क्षेत्र के मस्तूरा निवासी अजय रावत ने बताया कि एमएलए सरला रावत मेरी बुआ हैं। बुआ ने 4 फरवरी को मुझे कॉल करके कहा कि इस नंबर 9984476638 से कॉल आएगा। वो जैसा कहें वैसा करते जाना। इसके बाद इसी नंबर से अजय को कॉल भी आया। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई का मैनेजर बताया। दस्तावेज लेने के बाद नंबर 8953316456 पर 25 हजार रुपए स्थानांतरित करा लिए। इसके बाद 20 हजार रुपए और डलवाए।
भतीजे अजय के बताया ठग ने उनके ताऊ की बेटी कामिनी को भी नौकरी का झांसा देकर पहले 5 हजार और फिर 20 हजार रुपए अपने खाते में डलवाए। उनसे और रुपए की डिमांड की तो अजय ने विधायक बुआ को तुरंत इस बात की जानकारी दी। ठग ने भतीजे से 45 तो भतीजी से 25 हजार रुपए ऐंठ लिए।
संदेह होने के बाद पुलिस से की शिकायत
भतीजे और भतीजी को कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने अपनी बुआ को इस बारे में बताया। इसके बाद दोबारा उस नंबर पर फोन किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ। मामला संदिग्ध लगने पर बीजेपी विधायक ने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई तो खुलासा हुआ कि यह नंबर एसबीआई मैनेजर का नहीं है। फिर पुलिस से शिकायत की गई। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने विधायक सरला रावत के भतीजे से ठगी करने वालों के नंबर की जांच की तो यह नंबर उत्तर प्रदेश के सीतापुर का निकला। पुलिस ने जब पते का वेरिफिकेशन किया तो वह फर्जी निकला। पुलिस ने बताया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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