छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ( Bhopal Education Department ) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब भोपाल के सभी स्कूलों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए चारित्रिक और पुलिस वेरिफिकेशन (Character and Police Verification) अनिवार्य होगा।
यह आदेश भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी शासकीय, निजी स्कूलों और मदरसों पर लागू किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूलों में हो रही निंदनीय घटनाओं को रोकना और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
आदेश का पालन करना अनिवार्य
भोपाल के शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में स्कूलों के प्राचार्यों और प्रमुखों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ का वेरिफिकेशन (Verification) सुनिश्चित किया जाए। यदि किसी कर्मचारी का वेरिफिकेशन नहीं हुआ है, तो उसे दो दिनों के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रक्रिया में अगर किसी व्यक्ति का चारित्रिक रिकॉर्ड संदिग्ध या आपराधिक प्रवृत्ति से संबंधित पाया जाता है, तो उसे स्कूल के किसी भी कार्य में शामिल नहीं किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने इसलिए उठाया कदम
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कर्मचारी बिना वेरिफिकेशन के काम कर रहा है, तो उसे तुरंत सत्यापन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। इसके साथ ही, दो दिनों में पूरी प्रक्रिया को निष्पादित कर एक प्रमाण पत्र जिला शिक्षा केंद्र में प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया गया है। यह कदम स्कूलों में बढ़ रही घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह आदेश न केवल भोपाल के सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा, बल्कि मदरसों पर भी इसका समान रूप से पालन किया जाएगा। स्कूलों के प्राचार्यों को इस दिशा में कठोरता से निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी बिना सत्यापन के स्कूल में कार्य न कर सके। इस पहल के माध्यम से शिक्षा विभाग छात्रों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है।
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