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एमपी के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ( Chief Minister Dr. Mohan Yadav ) ने प्रदेश के विधायकों ( MLAs ) के लिए एक अच्छी पहल की शुरुआत की है। इसके जरिए अब प्रदेश के विधायकों को अपनी छोटी- छोटी बातों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। हर विधायकों की समस्याओं का निराकरण अब अपने अपने संभाग के अपर मुख्य सचिव के पास ही मिल जाएगा।
आइए जानते हैं सीएम की इस पहल की खास बातें...
1. प्रदेश के हर विधायकों की समस्याओं का निराकरण अब अपने संभाग के अपर मुख्य सचिव के पास ही मिल जाएगा। हर बात के लिए विधायकों को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
4. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में संभाग स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव और एडीजी स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।
3. अपर मुख्य सचिवों के साथ संभाग के प्रभारी बनाए गए एडीजी को भी एक बार रात्रि विश्राम भी अपने संभाग में करना होगा। जिलों में यदि कोई विषय राज्य स्तर के विभिन्न विभागों के समन्वय से संबंधित होगा, तो उसका निराकरण भी आसान होगा।
4. इस व्यवस्था के तहत अपर मुख्य सचिव द्वारा दो महीने में कम से कम एक बार संभाग के जिलों का दौरा कर प्रतिमाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा करना होगी।
5. जिलों के लिए चिन्हित प्रमुख योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा के साथ ही मुख्यमंत्री की संभागीय बैठकों में भी अपर मुख्य सचिव उपस्थित रहेंगे।
6.इसी तरह दस संभागों में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को कानून व्यवस्था और पुलिस के कार्यों की समीक्षा का दायित्व सौंपा गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव इनकी कभी भी रिपोर्ट मांग सकते हैं।
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