नेपाल के पीएम की पोती थीं ग्वालियर की राजमाता माधवी राजे सिंधिया, 70 वर्ष की उम्र में निधन

ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया नेपाल के राजवंश की राजकुमारी थीं। शादी के बाद वे पहले ग्वालियर की राजकुमारी, फिर महारानी और अपने पति माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद राजमाता बनीं...

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Shreya Nakade
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माधवी राजे सिंधिया का निधन
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर राजघराने की राजमाता 70 वर्षीय माधवी राजे सिंधिया ( Madhavi Raje Scindia ) का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी हालत पिछले कुछ महीनों से नाजुक बनी हुई थी। उन्हें उपचार के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर होने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया था। जानिए उनके बारे में कुछ रोचक तथ्य- 

नेपाल के प्रधानमंत्री की पोती थीं ग्वालियर की राजमाता 

राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल के राणा राजवंश से आती हैं। शादी से पहले उनका नाम किरण राज लक्ष्मी था। राजघराने की परंपरा के अनुसार विवाह के बाद उनका नाम बदलकर माधवी राजे सिंधिया किया गया था। राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे। वह नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। 60 के दशक में सिंधिया परिवार में नेपाल राजघराने की तरफ से शादी का प्रस्ताव आया था, जिसे ग्वालियर घराने ने स्वीकार कर लिया था।

शादी के लिए चलवाई स्पेशल ट्रेन 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) के माता-पिता माधव राव सिंधिया और नेपाल के राजवंश की किरण राज लक्ष्मी का विवाह  8 मई 1966 को हुआ था। यह विवाह दिल्ली में कराना तय किया गया था। माधवराव सिंधिया की बारात में बड़ी संख्या में ग्वालियर से भी लोग गए थे। बारात जाने के लिए ग्वालियर से दिल्ली के बीच में स्पेशल ट्रेन चलवाई गई थी। 

शादी से पहले मिलने की हसरत नहीं हुई थी पूरी 

माधवराव सिंधिया के विवाह के लिए देशभर के कई राजघरानों से विवाह प्रस्ताव आए। परिवार को नेपाल के राजवंश की किरण  राज लक्ष्मी की तस्वीर देखते से ही सिंधिया के लिए पसंद आ गई थी। हालांकि शादी से पहले माधवराव सिंधिया अपनी होने वाली पत्नी से मिलना चाहते थे लेकिन उनकी यह तमन्ना पूरी न हो सकी। दोनों ने बिना एक दूसरे से मिले ही विवाह कर  लिया। बाद में दोनों को एक पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया और एक पुत्री चित्रांगदा की प्राप्ति हुई। 

पति की मृत्यु के बाद बनी राजमाता

माधवी राजे सिंधिया पहले ग्वालियर राजघराने की महारानी थी। 2001 में माधव राव सिंधिया की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। 56 साल की उम्र में वे विध्वा हुई। ग्वालियर के महाराज की मृत्यु के बाद, उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज बने। ऐसे में माधवी राजे को राजवंश की राजमाता का दर्जा मिला। लंबी बिमारी के चलते माधवी राजे सिंधिया का निधन हुआ है। 

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