पूर्व मंत्री दीपक जोशी फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दीपक जोशी की भाजपा में वापसी का मुद्दा पहले भी चर्चा में रहा है। पार्टी में उनकी घर वापसी की तैयारियां आठ महीने पहले ही पूरी कर ली गई थीं, लेकिन ऐन वक्त पर सहमति न बन पाने के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
सुबह का भूला हूं, शाम को घर लौट रहा हूं
आठ महीने पहले पहले मंत्री दीपक जोशी फिर से बीजेपी में शामिल होने वाले थे। उनका भोपाल स्थित बीजेपी कार्यालय में आने और घर वापसी का कार्यक्रम लगभग तय हो गया था। लेकिन फिर वापसी का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। दरअसल, उस वक्त दीपक जोशी की बीजेपी में वापसी पर सहमति नहीं बन पा रही थ। उस वक्त खुद दीपक जोशी ने कहा था कि सुबह का भूला हूं, शाम को घर लौट रहा हूं।
3 नवंबर को कांग्रेस का प्रचार
Deepak Joshi ने चार दिन पहले ही 3 नवंबर को बुधनी विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित किया था। उन्होंने इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद 7 नवंबर को वे भाजपा में शामिल हो गए।
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किसी व्यक्ति विशेष से माफी नहीं मांगूंगा
दीपक जोशी ने कहा कि आठ महीने पहले जब मेरी भाजपा में वापसी टल गई थी। तब कुछ लोगों ने मेरे मामले को व्यक्तिगत मुद्दा बना लिया है। मैं उन लोगों का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूं कि मैं कांग्रेस में हूं। 9 मार्च को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का मेरे पास फोन आया। उन्होंने 2 नेताओं के नाम लिए। उन्होंने कहा कि आप उनसे माफी मांग लीजिए। मैंने कहा कि अगर मुझे पार्टी से माफी मांगनी पड़े तो मैं तैयार हूं, लेकिन मैं घर जाकर किसी व्यक्ति विशेष से माफी नहीं मांगूंगा। चूंकि मुझ पर करीबियों की तरफ से घर वापसी का दबाव था, इसलिए मैं तैयार हो गया, लेकिन मैंने पहल नहीं की। पहल भाजपा की तरफ से की गई।
कांग्रेस में रहते हुए दिए ये बयान...
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि मैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन इन गूंगे-बहरों ने लगता है सुन लिया 'खाओ और खाने दो...। कर्नाटक में 40% कमीशन की बात कही जा रही है, लेकिन मुझे लगता है मप्र में यह 80% है।'
शिवराज चौहान के कारण उनकी पत्नी को एंबुलेंस नहीं मिली। इस वजह से उनकी मौत हुई। देवास कलेक्टर को शिवराज ने निर्देश दिए थे कि दीपक का फोन आए, तो कोई भी बात नहीं करना।
शिवराज जी भले छोटा भाई मानते हों, लेकिन वे मेरे बड़े भाई कभी नहीं हैं। बहुत बदल गए हैं। उनको जिस प्रकार का काम करना चाहिए, वह काम नहीं कर पा रहे हैं।
मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। नेताओं की स्थिति यह है कि कार्यकर्ता उनसे मिल नहीं सकते। आज पार्टी को एक हाईटेक पार्टी के साथ एक ऐसी पार्टी का लेवल दे दिया, जिसमें सामान्य कार्यकर्ता उन तक पहुंच नहीं सकता।
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