इफको डायरेक्टर का चुनाव हारी बीजेपी, बाड़ाबंदी के बाद भी मिले 12 वोट

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 28 वोटरों को गुपचुप इंदौर बुलाकर फ्लाइट से दिल्ली भेजा गया। वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद के कहने पर प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने वोटिंग से 10 दिन पहले 29 अप्रैल को कौशल शर्मा को...

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देश की सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टीलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) नई दिल्ली के डायरेक्टर पद का चुनाव बीजेपी  हार गई। कांग्रेस से जुड़े ऋषिराज सिंह सिसोदिया ने बीजेपी  के कौशल शर्मा को 5 वोटों से हरा दिया। बता दें कि इफको में मप्र और छग से सिर्फ एक डायरेक्टर चुना जाता है। चुनावों के ठीक बीच इस हार को बीजेपी को झटके के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि चुनाव में सिसोदिया को 17 और कौशल को 12 वोट मिले। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह के बेटे व निवर्तमान डायरेक्टर अमित सिंह को 8 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। डायरेक्टर का चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के सिसोदिया उज्जैन से हैं, जो सीएम डॉ. मोहन यादव का गृह जिला है।

काम नहीं आई रणनीति

बताया जा रहा है कि सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के ओएसडी संजय मोहन भटनागर सभी वोटरों को लेकर दिल्ली गए थे। मप्र-छग में कुल 41 वोटर हैं। चार (एक छग और तीन मप्र) लोकसभा चुनाव ड्यूटी की वजह से वोट डालने दिल्ली नहीं जा पाए थे। इधर पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी व गुजरात के दिलीप सिंघानी इफको के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। डायरेक्टर का चुनाव 9 मई को हुआ है।

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वीडी के निर्देश पर प्रत्याशी चुना

बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और मप्र के अलग- अलग जगहों से 28 वोटरों को गुपचुप इंदौर बुलाकर फ्लाइट से दिल्ली भेजा गया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद के कहने पर प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने वोटिंग से 10 दिन पहले 29 अप्रैल को कौशल शर्मा को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने का पत्र जारी किया। वोटरों को एमपी भवन में ठहराया गया और वोटिंग के दिन लाइन लगाकर वोट डलवाए गए थे। इसके बावजूद यह हार हो गई। 

 

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