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MP News: भाजपा विधायक अशोक रोहाणी की मुश्किलें बढ़ सकती है। पार्टी के ही कार्यकर्ता निशांत शर्मा ने विधायक रोहाणी के खिलाफ परिवाद दायर किया है। निशांत ने बताया कि जबलपुर के छावनी क्षेत्र के 25 हजार से अधिक नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए थे। इसका सबसे बड़ा विरोध उन्होंने किया था।
वह इस मुद्दे पर लगातार भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और निर्वाचन आयोग से भी पत्राचार करते आ रहे हैं। निशांत का आरोप है कि जब इसे लेकर उन्होंने एक मीटिंग की तो यह क्षेत्रीय विधायक को पसंद नहीं आया और उन्होंने उस पर हमला करवा दिया।
विधायक अशोक रोहाणी ने थाने में दिया धरना, पुलिस पर बदसलूकी का आरोप
बैठक के बाद हुआ कथित हमला
इस मुद्दे को लेकर 20 मार्च 2023 को निशांत शर्मा ने इंडियन कॉफी हाउस, सदर में एक बैठक बुलाई थी। लेकिन उसी दिन दोपहर करीब 2:30 बजे गली नंबर 5 के पास उन पर हमला किया गया। निशांत का आरोप है कि यह हमला विधायक अशोक रोहाणी के इशारे पर हुआ और हमलावरों ने उन्हें गालियां देते हुए बुरी तरह पीटा था। साथ ही धमकी दी गई कि यदि वोटर लिस्ट के मुद्दे को फिर उठाया तो जान से मार दिया जाएगा।
FIR दर्ज, लेकिन आरोपियों के नाम गायब
भाजपा के कार्यकर्ता निशांत ने इस हमले की रिपोर्ट केन्ट थाने में दर्ज कराई। FIR क्रमांक 0072/2023 के तहत धारा 294, 323, 147, 506 IPC में एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, शिकायत में नामजद विधायक अशोक रोहाणी, संदीप गौंड और ऋषि बावरिया के नाम एफआईआर से गायब थे। निशांत शर्मा के अनुसार जब इस बारे में उन्होंने पूछताछ की, तो थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद नाम जोड़े जाएंगे। लेकिन अगले ही दिन एक नया झटका उन्हें तब लगा जब उनके खिलाफ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
पुलिस पर राजनीतिक दबाव का आरोप
20 जून 2025 को निशांत ने कोर्ट में परिवाद (क्रिमिनल कंप्लेंट) दाखिल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के दबाव में पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की और साजिश के तहत उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। इस परिवाद में कार्यकर्ता ने सीसीटीवी फुटेज, एफआईआर की प्रतिलिपि, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य पेश किए। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्ट विधायक के इशारे पर हमला हुआ और पुलिस ने जानबूझकर उनके नाम हटाए।
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पुलिस ने चार के खिलाफ पेश किया चालान
6 अक्टूबर 2023 को पुलिस ने चार अन्य आरोपियों सुंदर अग्रवाल, संजय जैन, आशीष राव और राजेश उर्फ छोटू सतनामी के खिलाफ चालान पेश किया। लेकिन एक बार फिर विधायक और उनके करीबी समर्थकों के नाम चार्जशीट से नदारद थे। विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट में लिखा कि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।
विधायक अशोक रोहाणी को समन जारी
परिवाद में दिए गए के साक्ष्यों और आवेदन पर विचार करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारिका प्रसाद सूत्रकार ने अब विधायक अशोक रोहाणी को समन जारी किया है। इस समन में उन्हें निर्देश दिया गया है कि 2 सितंबर 2025 को स्वयं या अपने वकील के माध्यम से अदालत में पेश हों और आरोपों का उत्तर दें।
भाजपा की अंदरुनी कलह या साजिश?
इस मामले ने जबलपुर में राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है। जहां कुछ लोग इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ रहे भाजपा कार्यकर्ता की आवाज मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और पार्टी की अंतर्कलह से जोड़कर देख रहे हैं।
यह मामला खासतौर पर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं, भाजपा विधायक पर अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कार्यकर्ता पर हमला करवाने के आरोपों से पार्टी के भीतर भी असहजता की स्थिति बनी हुई है।
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