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आमीन हुसैन @ रतलाम
मध्य प्रदेश में रतलाम जिले के सरकारी कॉलेज में अनोखा राजनीति प्रचार-प्रसार देखने को मिला है। यहां क्लास में डेस्क और बेंच पर विधायक की तस्वीर लगाई गई है। ऐसा लग रहा है कि मानो क्लास नहीं, पार्टी ऑफिस में पहुंच गए हैं। इसका विरोध सरकारी कॉलेज के बच्चों ने किया है। मामले ने सियासत का रंग ले लिया है।
इस हैरान करने देने वाले मामले के पीछे रतलाम ग्रामीण से बीजेपी विधायक मथुरालाल डामर हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने शासकीय महाविद्यालय में अपनी विधायक निधि से 10 लाख रुपए की लागत से फर्नीचर प्रदान किया है। इन फर्नीचर्स पर उनकी तस्वीर और नाम छपवाए गए हैं, जिससे मामला विवादों में घिर गया है।
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क्या है पूरा मामला
पूरा मामला नामली कस्बे में स्थित शासकीय महाविद्यालय से जुड़ा हुआ है। विधायक मथुरालाल डामर ने कॉलेज को 100 छात्रों के बैठने के लिए 50 बेंच विधायक निधि से उपलब्ध करवाई थी। लेकिन इन बेंचों पर प्रिंट किए गए विधायक के फोटो और स्लोगन वाले पोस्टर चर्चा का विषय बन गए हैं।
कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
पूर्व कांग्रेस विधायक पारस सकलेचा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, "विधायक निधि का उपयोग सार्वजनिक हित के कार्यों के लिए होता है, न कि किसी नेता के प्रचार के लिए। हमारी मांग है कि शासन इस पूरे मामले की जांच करें और यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो कार्रवाई की जानी चाहिए।"
कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने कहा कि यह मामला संबंधित विभाग जिला परियोजना अधिकारी की अनदेखी हैं जो एक कॉलेज में विधायक द्वारा विधायक निधि से दिए गए फर्नीचर पर विधायक के फोटो और नाम लिखा है। यह नियम के खिलाफ हैं। इससे बच्चों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा? बीजेपी के लोग विकास नहीं करते हैं, काम नहीं करते हैं? घर रहते हुए ही लोगों में अपनी पहचान बनाने के लिए इस तरह के काम करते हैं जो बहुत गलत हैं। एक क्लास रूम में सब तरफ फर्नीचर पर विधायक के फोटो हैं, ये ठीक नहीं है। यह अधिकारियों की अनदेखी है।
कांग्रेस नेता पारस सकलेचा का कहना हैं कि अगर चुनाव होंगे तो कॉलेज में विधायक द्वारा दिए हुए फर्नीचर को आचार संहिता के चलते शासकीय कॉलेज से हटाया जाएगा। उस समय बच्चे कहां बैठेंगे और देश में चुनाव तो चलते रहते हैं। अभी रतलाम जिले में ग्राम पंचायत के अलावा और भी चुनाव होने वाले हैं।
शॉर्ट में समझें विधायक मथुरालाल डामर से जुड़ी पूरी खबर
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कॉलेज के छात्रों की प्रतिक्रिया
कॉलेज के छात्रों का कहना है कि विधायक जी कोई महापुरुष नहीं हैं, जिनसे हम प्रेरणा ले सकें। छात्रों ने कहा कि उन्हें पढ़ाई या परीक्षा देने से पहले विधायक जी के फोटो और नाम को देखना पड़ता है। इसके अलावा छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि टेबलों में अलग से स्टील प्लेट लगाकर विधायक का चेहरा और नाम अधिक स्पष्ट दिखाया गया है।
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शिक्षा और राजनीति का मिश्रण?
यह मामला शिक्षा और राजनीति के बीच की सीमाओं को लेकर सवाल खड़ा करता है। क्या विधायक निधि का उपयोग सार्वजनिक भलाई के लिए होना चाहिए, या फिर इसका इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के उद्देश्य से किया जा सकता है? इस तरह के मामलों से जनता में विश्वास की कमी हो सकती है और इस बात की आवश्यकता है कि नियमों का पालन किया जाए, ताकि शिक्षा क्षेत्र में राजनीति का दखल न बढ़े।
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