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भोपाल में आयकर विभाग की छापेमारी ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। राजधानी के रातीबड़, नीलबड़, मेंडोरी, मेंडोरा और आस-पास के गांव काले धन के उपयोग के गढ़ बन गए हैं। विभाग ने इन इलाकों में जमीन की खरीद-फरोख्त में भारी अनियमितताएं पाई हैं।
पूर्व मुख्य सचिव के नाम पर बेनामी संपत्ति
आयकर विभाग को जांच के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और उनकी पत्नी हरकीरत सिंह बैंस के नाम पर जमीन खरीदी के दस्तावेज मिले हैं। यह संपत्ति त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के बिल्डर राजेश शर्मा के माध्यम से खरीदी गई थी। अफसरों का कहना है कि इन संपत्तियों के पीछे स्टांप ड्यूटी चोरी और नियमों की अनदेखी की गई है।
52 ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की बरामदगी
आयकर विभाग ने भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के कुल 52 स्थानों पर छापेमारी की। इसमें 10 करोड़ रुपए नकद, 54 किलो सोना और 25 लॉकर बरामद किए गए। साथ ही, बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए। इन दस्तावेजों में कई अफसरों, नेताओं, व्यापारियों और फिल्मी सितारों के नाम शामिल हैं।
भ्रष्टाचार पर सीएम का बयान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है। उन्होंने टोल बैरियर पर अवैध वसूली बंद करने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
चंदनपुरा और बीलखेड़ा में 50 करोड़ की काली कमाई
चंदनपुरा क्षेत्र में बिल्डर राजेश शर्मा के जरिए 50 करोड़ रुपए से अधिक की ब्लैक मनी का निवेश किया गया है। बीलखेड़ा और अन्य इलाकों में भी पूर्व और वर्तमान अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त की गई है।
मोबाइल रिकॉर्डिंग और डेटा बैकअप की जांच
बिल्डर्स के ठिकानों पर छापे के दौरान आयकर विभाग को कई मोबाइल फोन मिले हैं, जिनमें कैश लेन-देन की रिकॉर्डिंग है। इन रिकॉर्डिंग्स के आधार पर विभाग अब पुराना डेटा बैकअप करवा रहा है। जांच में पता चला है कि सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग कर सड़कों का निर्माण किया गया है।
रजिस्ट्रार और मुद्रांक पर भी सवाल
आयकर विभाग की जांच में यह सामने आया है कि कई जमीनें कलेक्टर गाइडलाइन के नीचे कीमतों पर रजिस्ट्री की गईं। स्टांप ड्यूटी चोरी के इन मामलों में अब रजिस्ट्रार और मुद्रांक विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है।
बिल्डर्स और ब्यूरोक्रेट्स पर शिकंजा
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के बिल्डर राजेश शर्मा के जरिए पूर्व मुख्य सचिव और उनकी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदी गई। राजेश शर्मा ने कुणाल बिल्डर्स के जरिए अपने परिवार के लिए आठ प्लॉट भी खरीदे। अब आयकर विभाग शर्मा को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में है।
प्रॉपर्टी डीलर राजवीर सिकरवार की कॉल डिटेल
जांच में यह भी सामने आया है कि प्रॉपर्टी डीलर राजवीर सिकरवार का प्रदेश के कई पूर्व और वर्तमान अधिकारियों से नियमित संपर्क था। सिकरवार के फोन में जमीनों की खरीद-फरोख्त और अन्य लेन-देन से जुड़ी रिकॉर्डिंग मिली है।
महेंद्र गोयनका जांच के घेरे में
रायपुर के कारोबारी महेंद्र गोयनका ने चंदनपुरा की जमीन के लिए 50 करोड़ रुपए नकद भुगतान किया था। गोयनका वर्तमान में विदेश में है, और आयकर विभाग उसे नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
सेंट्रल पार्क निर्माण पर विवाद
भोपाल के सेवनिया गौंड क्षेत्र में सेंट्रल पार्क का निर्माण आयकर विभाग की जांच के केंद्र में है। इस परियोजना को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा संचालित कर रहे हैं, जो पूर्व मुख्य सचिव के करीबी माने जाते हैं।
असहयोग पर होगी और एफआईआर
आयकर छापेमारी के दौरान कुछ बिल्डर्स द्वारा गेट खोलने में देरी और आईफोन तोड़ने जैसी घटनाएं सामने आईं। इस पर सिवानी बिल्डर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, और अन्य दोषी बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
अमिताभ बच्चन का नाम भी चर्चा में
आईटी जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को भोपाल के सेवनिया गौंड क्षेत्र में पांच एकड़ जमीन पर निर्माण की अनुमति नहीं दी गई थी। यह स्थान अब अधिकारियों के लिए सेंट्रल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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