इंदौर में BRTS कॉरिडोर हटेगा, CM ने कहा- कोर्ट में रखेंगे पक्ष

इंदौर में बीआरटीएस हटेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में इसे लेकर गुरुवार (21 नवंबर) को बड़ी घोषणा कर दी है। बीआरटीएस बनने के बाद से ही इसे लेकर लगातार दो धड़े बंटे हुए थे।

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Sanjay gupta
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Indore. भोपाल के बाद इंदौर में बीआरटीएस हटेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में इसे लेकर गुरुवार (21 नवंबर) को बड़ी घोषणा कर दी है। बीआरटीएस बनने के बाद से ही इसे लेकर लगातार दो धड़े बंटे हुए थे। अधिकारी इसे लगातार चलाए रखने के लिए अडिग थे, तो वहीं जनप्रतिनिधि और समाजसेवी इसके विरोध में रहे। 

यह बोले सीएम

सीएम ने इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में कहा कि भोपाल में हम बीआरटीएस हटा चुके हैं, इसके हटने से वहां यातायात में लोगों को बड़े पैमाने पर सुविधा मिली। यहां भी इंदौर की दृष्टि से भी लगातार शिकायतें मिल रही थी। जनप्रतिनिधियों ने बीती दो विकास संबंधी बैठकों में भी इसे लेकर बोला था। कोर्ट के सामने अब जो सरकार का पक्ष बन रहा है सभी का मिलकर कि जो भी तरीका लगेगा, वह हम यहां लगाकर इस हटाएंगे। कोर्ट में भी पक्ष रखेंगे। चौराहों पर ट्रैफिक समस्या आती है, वहां ब्रिज बनाकर समाधान खोजेंगे। जब ब्रिज बनाएंगे तब भी, कॉरिडोर तो हटाना ही होगा। कुल मिलाकर इससे यातायात सुगम हो, लोगों को कष्ट नहीं हो, यह हम सभी की जवाबदारी है। सभी की परेशानी को देखते हुए ही यह फैसला लिया है।

250 करोड़ में बना था कॉरिडोर

इंदौर में 250 करोड़ की लागत से 12 साल पहले यह 11.50 किमी लंबा कॉरिडोर राजीव गांधी चौक से निरंजनपुर तक बना था। इसमें हर दिन 80 हजार से एक लाख यात्री सफर करते हैं और इसमें आईबस चलती है। अहमदबाद के बाद इंदौर के प्रोजेक्ट को ही सबसे सफल माना जाता है। लेकिन हाल के समय में एबी रोड पर कॉरिडोर में पहले एलीवेटेड ब्रिज और अब जगह-जगह चौराहों पर फ्लाइओवर ब्रिज बनाए जाने पर सर्वे हो रहा है।

दो याचिकाएं चल रही हैं

इस कॉरिडोर बनने के बाद से ही एबी रोड पर मिक्स लेन (जहां अन्य आम वाहन चलते हैं) तंग होने और जाम होने की समस्या उठती रही है। समाजसेवी किशोर कोडवानी ने साल 2013 व 2015 में इसे लेकर याचिकाएं भी दायर की। इसमें हाल ही में सितंबर 2024 में याचिका में कॉरिडोर की व्यवहारिकता व उपयोगित को लेकर पांच सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाने के आदेश हाईकोर्ट इंदौर ने दिए और इस पर रिपोर्ट मांगी। इस पर 22 नवंबर को सुनवाई होना थी लेकिन इसके पहले यह केस इंदौर हाईकोर्ट ने जबलपुर बैंच में ट्रांसफर कर दिए। 

सीएम के कहने के बाद पक्ष बदलेगा

अभी तक शासन, प्रशासन ने हाईकोर्ट में बीआरटीएस के पक्ष में ही बात रखी है। लेकिन अब जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवई होने पर यह पक्ष बदल जाएगा क्योंकि अब खुद सीएम ने ही कोर्ट में इसे हटाने वाली बात रखने का बोल दिया है।

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