मध्यप्रदेश के ग्वालियर में डिजिटल ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। BSF टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद 32 दिनों तक घर में कैद रहे। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताने वाले ठगों ने उनसे 71.25 लाख रुपए वसूल लिए।
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कैसे हुई ठगी?
2 दिसंबर 2024 को सुबह अबसार अहमद के मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसने कहा कि BSF इंस्पेक्टर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। कॉलर ने परिवार समेत सभी को अरेस्ट करने की धमकी दी।
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डर के साए में जी रहे थे इंस्पेक्टर
इंस्पेक्टर अहमद ने जब कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, तो ठगों ने कहा कि उनका फोन टेप हो रहा है। यदि उन्होंने किसी को बताया, तो उनके बच्चों और परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। BSF इंस्पेक्टर ग्वालियर में अकेले रहते हैं, जिससे वह ठगों की बात मानते चले गए।
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34 ट्रांजेक्शन में गंवाए लाखों
इंस्पेक्टर ने ठगों के कहने पर 34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन और फ्लैट का सौदा किया और एडवांस रकम ठगों को दे दी। इसके अलावा, बैंक सेविंग्स और दोस्तों से उधार लिए पैसे भी ठगों को सौंप दिए।
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पुलिस में शिकायत दर्ज
2 जनवरी 2025 को BSF इंस्पेक्टर ने अपने बेटे को घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
SP धर्मवीर सिंह का बयान
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा, "यह एक बड़ा डिजिटल ठगी का मामला है। BSF इंस्पेक्टर से दिसंबर महीने में ठगी की गई। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि पैसा किन खातों में ट्रांसफर हुआ।"
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