मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर ब्लास्ट मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। साबिर नाम के आरोपी ने रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर प्लांट किए थे। आरोपी साबिर रेलवे का ही कर्मचारी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह उसकी शरारत थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश रची गई थी। इस मामले की जांच एनआईए ( NIA ) , एटीएस, आरपीएफ और रेल मंत्रालय कर रहे हैं।
रेल की पटरी पर लगे थे 10 डेटोनेटर
घटना बुरहानपुर के नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के सागफाटा की है। 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी स्पेशल ट्रेन जैसे ही पटरी से गुजरी विस्फोट हो गया। लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन को रोका और स्टेशन मास्टर को सूचना दी। इस प्रकार एक बड़ा ट्रेन हादसा होते होते टल गया। इस वारदात को अंजाम देने के लिए 18 सितंबर को रेल की पटरी पर 10 डेटोनेटर लगाए गए थे।
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डेटोनेटर मिलना रेलवे की नियमित प्रक्रिया
घटना के सामने आने के बाद से रेलवे और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एटीएस और एनआईए समेत अन्य एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। पूरा मामला सेना से जुड़ा है, इसलिए मामले की जांच में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है। इस मामले की जांच में मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने भी बड़ा खुलासा किया है, उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर मिलना रेलवे की नियमित प्रक्रिया है।
रेलवे अधिकारी ने किया बड़ा खुलासा
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ स्वप्निल नीला का कहना है कि जो डेटोनेटर बरामद हुए हैं, उनका इस्तेमाल रेलवे खुद करता है। जिस जगह पर डेटोनेटर रखे गए थे, वहां पर रखने का कोई औचित्य नहीं था। डेटोनेटर तेज आवाज करते हैं। इनका इस्तेमाल अक्सर कोहरे में और ऐसी स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेन को तय समय से पहले आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में जिस जगह पर ट्रेन रोकनी होती है, उससे करीब 1200 मीटर पहले तीन स्टेज पर तीन डेटोनेटर रखे जाते हैं।
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