खेत उगलने लगा सोने के सिक्के ! दूर-दूर से खुदाई करने पहुंच रहे लोग

असीरगढ़ गांव में खजाने की खोज ने इस समय लोगों का ध्यान खींचा है। इंदौर-इच्छापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान खुदाई में मुगलकालीन सोने और चांदी के सिक्के मिलने की खबर है।

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Raj Singh
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बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ गांव ( Asirgarh Village ) में इस समय खजाने की तलाश ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इंदौर-इच्छापुर नेशनल हाईवे ( Indore-Ichhapur National Highway ) के निर्माण के दौरान खुदाई में मुगल कालीन सोने-चांदी के सिक्के मिलने की खबरें तेजी से फैल गई हैं। सोने के चक्कर में स्थानीय लोग और दूर-दूर से आकर रात को खेतों में पहुंचकर खुदाई करने लगे हैं।

खेत के मालिक और मजदूरों द्वारा सिक्के मिलने की बात से उत्साहित होकर ग्रामीण खुदाई में जुट गए हैं। कुछ लोगों का दावा है कि उन्हें सिक्के भी मिले हैं और उन्होंने उन्हें स्थानीय सराफा बाजार में बेचकर पैसे भी कमाए हैं। इस घटनाक्रम ने गांव में एक खजाने की खोज का माहौल बना दिया है, जिससे यहां भीड़ बढ़ती जा रही है।

पुरातत्वविद ने क्या बताया?

पुरातत्वविद और इतिहास के जानकार कमरुद्दीन फलक ( Archaeologist Kamruddin Falak ) के अनुसार, असीरगढ़ का किला ( Asirgarh Fort ) ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां से पहले भी मुगलकालीन सिक्के मिल चुके हैं। यह क्षेत्र उस समय के अमीर लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा, जब वे अपने धन को छिपाने के लिए जमीन में गाड़ने का सहारा लेते थे। उन्होंने आगे बताया कि उस समय धन को सुरक्षित रखने के दो ही विकल्प थे। पहला, शाही खजाने में जमा करना, जिसमें पावती मिलती थी, और दूसरा, अपने धन को जमीन में गाड़ देना। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि खुदाई के दौरान सिक्के मिल सकते हैं।

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ऐतिहासिक संपत्ति का हो संरक्षण

कमरुद्दीन फलक ने कहा कि इस मामले में प्रशासन और पुरातत्व विभाग को तत्काल इस ऐतिहासिक संपत्ति का उचित संरक्षण करने पर ध्यान देना चाहिए। 

मामले की जांच करेगी पुलिस?

इस मुद्दे पर पुरातत्वविद और कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ( Congress leader Ajay Raghuvanshi ) ने जिला प्रशासन से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर ये सिक्के वाकई मुगलकालीन हैं तो इन्हें जब्त कर सरकारी खजाने में जमा कराया जाना चाहिए। वहीं, अगर यह अफवाह बेवजह फैलाई गई है तो इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें बेनकाब कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। फिलहाल इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन मामला मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। अब वे इस मामले की जांच करने की भी योजना बना रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस क्षेत्र में खजाने के मामले पर क्या जांच करता है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

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