मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शरीफुद्दीन पीरजादा की संपत्तियों को लेकर चल रहा विवाद और भी चौंकाने वाला हो गया है। शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत इन संपत्तियों को अभी तक जब्त नहीं किया गया है, जिसके चलते उनके रिश्तेदार और अन्य लोग इन संपत्तियों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। एक बिल्डर द्वारा अवैध रूप से संपत्ति पर कब्ज़ा करने की कोशिश के बाद इलाके में हंगामा मच गया है। इस विवाद का असर बुरहानपुर के शाहपुर नगर के स्थानीय लोगों पर भी पड़ा है, जो अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
पीरजादा की संपत्ति पर कब्जे की कोशिश
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शरीफुद्दीन पीरजादा की बुरहानपुर के शाहपुर कस्बे में कई संपत्तियां हैं। पिछले कुछ समय से इन संपत्तियों पर कब्जे की कोशिशें बढ़ गई हैं। हाल ही में एक बिल्डर ने इन संपत्तियों पर अवैध कॉलोनी विकसित करने की योजना बनाई और तीन पीढ़ियों से यहां रह रहे 15 परिवारों को बेदखल करने की कोशिश की।
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झुग्गीवासियों का विरोध और संघर्ष
इस जमीन पर सालों से रह रहे 15 परिवारों ने पीरजादा की संपत्ति पर अवैध कब्जे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इन परिवारों का कहना है कि इस संपत्ति से उनका जीवन जुड़ा हुआ है और उन्हें बेघर नहीं किया जा सकता।
पार्षद से लेकर कलेक्टर तक न्याय की गुहार
प्रभावित परिवारों ने पार्षद प्रतिनिधि मुकेश महाजन से मकान बचाने और अवैध निर्माण रोकने की मांग की। इसके बाद ये लोग कलेक्टर भव्या मित्तल से भी मिले और उनके समक्ष अपने अधिकारों की रक्षा की गुहार लगाई।
शत्रु संपत्ति कानून की लंबी प्रक्रिया
भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया गया, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन में रहने वाले नागरिकों की संपत्ति को भारत में शत्रु संपत्ति माना गया। हालांकि, शरीफुद्दीन पीरजादा की संपत्ति अब तक जब्त नहीं की गई है, जिससे विवाद और जटिल हो गया है।
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