देशभर के वक्फ बोर्ड ( Waqf Board ) में जारी व्यवस्थाओं, नियमों, एक्ट और कामकाज के तरीकों में बदलाव की गुनगुनहाहट सुनाई दे रही है। कैबिनेट में लिए गए फैसले के बाद शायद सोमवार को इस बदलाव पर अंतिम मुहर लग जाएगी। राष्ट्रव्यापी इस बदलाव में मध्य प्रदेश की अरबों रुपए की संपत्ति भी प्रभावित होने वाली है। यहां मौजूद करीब 14 हजार से ज्यादा संपत्तियों में इसका असर पड़ेगा।
क्या बोले एमपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष
एमपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सनव्वर पटेल का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर किए जाने वाले इस बदलाव को स्वीकार करना और इसके मुताबिक काम करना हमारी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ बदलाव जरूरी होते हैं। यह प्रक्रिया भलाई और वक्फ संरक्षण के लिए ही की जा रही है।
बोर्ड पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
बताया जा रहा है कि इस बदलाव से यूपी और बिहार जैसे राज्यों में बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इन राज्यों में वक्फ बोर्ड बेहद एक्टिव है। साथ ही बोर्ड के पास जामीन का बड़ा भाग उनके पास है। 2013 में यूपीए सरकार ने मूल एक्ट में बदलाव करके वक्फ बोर्ड को ज्यादा ताकतें प्रदान की थी। आपको बताते चलें कि वक्फ बोर्ड के पास लगभग 8.7 लाख की संपत्ति है। कुल रकवा लगभग 9.4 लाख एकड़ का है। वक्फ एक्ट 1995 को वक्फ के द्वारा औकाफ यानी वक्फ के रूप में दान की गई संपत्ति के तौर पर बनाया गया था।
इस एक्ट में हो सकते हैं ये 40 बदलाव
बिल में वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में बदलाव के प्रस्ताव।
वक्फ बोर्ड की ताकतों पर अंकुश लगाना।
बोर्ड की रूपरेखा में बदलाव के प्रस्ताव।
बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी प्रदान करने का प्रस्ताव।
बोर्ड की तरफ से किसी भी जमीन को वक्फ की जमीन का दावा करने से पहले उसकी जांच को सुनिश्चित करने का प्रस्ताव।
राज्य की वक्फ बोर्डों के द्वारा दावा किए गए विवादित जमीन की जांच को फिर से कराने का प्रस्ताव।
प्रॉपर्टी पर दावा के लिए सत्यापन अनिवार्य होगा
एक रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ एक्ट में एक बड़ा बदलाव प्रस्तावित है, उसके अनुसार वक्फ बोर्ड अगर किसी प्रॉपर्टी पर दावा करती है तो उसका वेरीफिकेशन यानी सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। वहीं, जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड और किसी आम व्यक्ति के बीच लड़ाई चल रही है, तो उसमें भी वेरीफिकेशन को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा गया है।
वक्फ बोर्ड की मनमानी पर लगेगी रोक !
कैबिनेट के फैसलों पर आधिकारिक ब्रीफिंग में इस कदम का जिक्र नहीं किया गया था। हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि वक्फ एक्ट में बदलाव के लिए एक विधेयक पांच अगस्त को संसद में पेश किया जा सकता है। सूत्रों ने ये भी कहा कि संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के दो प्रावधान, जो वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर रोक लगाएंगे, अधिनियम में प्रस्तावित प्रमुख संशोधन हैं। देशभर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, कुल मिलाकर लगभग 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में हैं।
बदलाव के बाद इनको मिलेगा फायदा
इस तरह के कानून की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के लोगों मौजूदा कानून में बदलाव की कई बार मांग करते रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी पहले शुरू हो गई थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ओमान, सऊदी अरब और दूसरे इस्लामिक देशों के कानूनों पर निगाह डालने से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने एक संस्था को इतनी व्यापक शक्तियां नहीं दी हैं।
यूपीए सरकार ने दी थी मनमानी शक्तियां !
साल 2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक व्यापक शक्तियां प्रदान की गईं थी, जो वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित कई राज्य संस्थाओं के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रही हैं।
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