इंदौर में रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के चंपत राय बोले राम मंदिर बनाना हिंदुस्तान की मूंछ का सवाल था, यह आजादी की लड़ाई से कम नहींं

राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Tirtha Trust ) के महासचिव चंपत राय ने अपने अभिनंदन में कहा कि राम मंदिर आंदोलन आजादी की लड़ाई से कम नहीं था। अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ कर इस देश, हिंदू समाज और राष्ट्र का अपमान किया गया।

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Sanjay gupta
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Champat Rai
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INDORE.  इंदौर में सोमवार को राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ( Champat Rai ) का नागरिक अभिनंदन हुआ। 100 से अधिक जाति-बिरादरियों के मुखियाओं ने एवं 50 से अधिक सामाजिक संस्थाओं ने चंपत राय का रविंद्र नाट्य गृह ( Ravindra Natya ) में नागरिक अभिनंदन किया। संतों ने समस्त हिन्दू समाज और आयोजन समिति की ओर से अभिनंदन किया।

चंपत राय ने बताई आंदोलन की महत्ता

राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट ( Ram Janmabhoomi Tirtha Trust ) के महासचिव चंपत राय ने अपने अभिनंदन में कहा कि राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir movement ) आजादी की लड़ाई से कम नहीं था। अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ कर इस देश, हिंदू समाज और राष्ट्र का अपमान किया गया। फिर से मंदिर बनाना हमारी अस्मिता से जुड़ा था, क्योंकि गुलामी की निशानियां नहीं रखी जाती है। यह लड़ाई देश हित के लिए की गई। राम मंदिर फिर से बनाना हिंदुस्तान की मूंछ का सवाल था। राम मंदिर हिंदुस्तान के अपमान का परिमार्जन है।

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मथुरा-काशी पर यह बोले चंपत राय

उन्होंने कहा कि हजारों संतों ने राम मंदिर के प्रति जागरण किया। ये किसी एक व्यक्ति से संभव नहीं है। 500 साल में कितने लोगों का जीवन गया, ये कोई नहीं जानता। राय ने अयोध्या राम मंदिर की तरह मथुरा-काशी में मंदिर निर्माण और दर्शन के सवाल पर अयोध्या के लिए एक हजार साल चले संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा- हमें उतना ही खाना चाहिए, जितना पच जाए। तभी खाना चाहिए, जब पहला पच जाए। वरना डाइजेशन की समस्या हो जाएगी। चंपत राय विश्वम संस्था के कार्यक्रम श्री राम जन्मभूमि गौरव यात्रा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा- जब आंदोलन से जुड़ा तब मेरी उम्र 39 साल थी। अब मथुरा-काशी के लिए आज जो लोग 39 साल के हैं, वे आगे आएं। मथुरा-काशी में क्या इतनी देर लगनी चाहिए? इस पर कहा कि चलते समय पिछला पैर तब उठाना चाहिए, जब अगला जम जाए। 

मंदिर निर्माण में लोहे-सीमेंट का उपयोग नहीं हुआ

चंपत राय ने मंदिर निर्माण की योजना के बारे में बताया कि मंदिर में लोहे सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया। तीन मंजिला मंदिर 400 खंभों पर खड़ा है। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का उपयोग किया गया। एक-एक पत्थर को परखा गया कि कहीं किसी पत्थर में दरार तो नहीं है। ऊपरी मंजिल बनने के बाद उसमें राम दरबार लगेगा। मंदिर के चारों और परकोटा बन रहा है। उसमें छह मंदिर बनेंगे। लक्ष्मण जी का भी एक मंदिर बनाया जाएगा। 70 एकड़ जमीन में 50 एकड़ जमीन में सिर्फ पौधे लगाए जा रहे है। पर्यावरण का विचार भी मंदिर में निहित है। 25 लाख घन फुट पत्थर इस मंदिर निर्माण में लग रहा है।

कार्यक्रम में यह रहे उपस्थित

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राधे राधे बाबा, अन्ना जी महाराज अमृत राम जी महाराज, प्रवीण आनंद जी महाराज ,स्वामी सत्यानंद जी महाराज के साथ संतों ने समस्त हिन्दू समाज और आयोजन समिति की और से चंपत राय का अभिनंदन किया।

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