मध्यप्रदेश में 3-4 दिसंबर को बारिश और कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है। छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल समेत अन्य जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव के अनुसार, चक्रवाती तूफान 'फेंगल' पूर्वी हिस्से में सक्रिय है, जिससे हवा का असर बढ़ रहा है। साथ ही, उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbance) सक्रिय है, जिससे पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं तेज होकर मध्यप्रदेश में ठंड को और बढ़ा सकती हैं।
बड़े शहरों के तापमान में गिरावट
इस बार नवंबर में ठंड ने नया रिकॉर्ड बना दिया। राजधानी भोपाल में 36 साल बाद नवंबर के महीने में रात का तापमान सबसे कम दर्ज किया गया। दिसंबर में भी ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। प्रदेश के कई शहरों में ठंड का असर पहले ही दिन से देखा गया। रविवार को रात के साथ-साथ दिन में भी तापमान में गिरावट आई।
बड़े शहरों की बात करें तो रविवार और सोमवार की रात को भोपाल में तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस, इंदौर में 12 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 11.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
शाजापुर के गिरवर में सबसे कम तापमान
प्रदेश में कड़ाके की ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। शाजापुर के गिरवर में सबसे कम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन और टीकमगढ़ में 9 डिग्री, खंडवा और खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया और बैतूल में 9.5 डिग्री, और गुना में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा। गुना, रतलाम, खरगोन, रीवा, धार, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, सागर, और सीधी में तापमान 12 डिग्री से कम रहा।
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कोहरे को देखते हुए रेलवे सतर्क
कोल्ड वेव (Cold Wave) के साथ अब कोहरे (Fog) का असर भी बढ़ने वाला है। इस स्थिति में, भोपाल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में रेलवे ने फॉग सेफ डिवाइस (Fog Safe Devices) लगाई हैं। कुल 341 फॉग सेफ डिवाइस लोको पायलटों को दी गई हैं। कोहरे के दौरान विजिबिलिटी कम होने की वजह से सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से अनुमान लगाना मुश्किल होता है, इसलिए इन डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि पायलट को सही समय पर अलर्ट मिल सके।
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यहां सर्द हवाएं चलने की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक, मध्यप्रदेश में इस बार 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड (Cold Wave) का दौर शुरू होगा, जो जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान 40 दिनों में से 20 से 22 दिन तक कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं (Cold Winds) चलने की संभावना है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में पड़ेगी, जहां बर्फीली हवाएं सीधे आ सकती हैं।
भोपाल में ठंड का टूटा रिकॉर्ड
दूसरे पखवाड़े में मावठा यानी बारिश (Rain) का असर भी देखने को मिल सकता है। इस बार भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है, और इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे गया है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने कहा कि इस बार ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग में सबसे ज्यादा ठंड पड़ेगी और यहां कोल्ड वेव का प्रभाव भी अधिक होगा।
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