सात बेटियों को पढ़ाने-लिखाने पर पिता को प्रताड़ित कर रहे ग्रामीण, एसपी से लगाई गुहार

15 मई को एक शादी समारोह में खाना खाते वक्त उन पर गर्म सब्जी फेंकी गई और उनका मजाक उड़ाया गया। बाद में आरोपी उनके घर में घुसकर लाठी-डंडों से हमला कर गए। रमेश ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है...

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के मातगुवां थाना क्षेत्र के चौका गांव में एक पिता की संघर्षपूर्ण कहानी सामने आई है। रमेश अहिरवार, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, अपनी सात बेटियों को पढ़ा-लिखा रहे हैं। यह कदम समाज के कुछ लोगों को नागवार गुजर रहा है। 

15 मई को एक शादी समारोह में खाना खाते वक्त गांव के एक व्यक्ति ने उन पर गर्म सब्जी फेंकी और उनका मजाक उड़ाया। बाद में आरोपी उनके घर में घुसकर लाठी-डंडों से हमला कर गए। रमेश का कहना है कि समाज में रूढ़िवादी सोच के कारण लोग उनकी बेटियों की शिक्षा का विरोध करते हैं। उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।

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पिता का बेटियों के लिए संघर्ष

रमेश अहिरवार, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, अपनी सात बेटियों को पढ़ा-लिखा रहे हैं। यह कदम समाज के कुछ लोगों को नागवार गुजर रहा है। रमेश का मानना है कि बेटियों को शिक्षा देना उनका अधिकार है और वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।

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घर में घुसकर हमला

शादी समारोह में अपमानित होने के बाद, आरोपीगण एक राय होकर रमेश के घर में घुस आए और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। रमेश की बेटी ने बचाने का प्रयास किया तो उस पर भी प्रहार किया गया। इस हमले में रमेश की पत्नी और अन्य बेटियां भी घायल हो गईं।

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एसपी से लगाई गुहार

रात के समय और आरोपियों के डर से रमेश रात में थाने नहीं जा सके। अगले दिन सुबह थाना मातगुवां में रिपोर्ट दर्ज कराने गए, लेकिन उनकी उचित रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इससे निराश होकर रमेश ने एसपी ऑफिस में जाकर न्याय की गुहार लगाई।

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बेटियों की शिक्षा पर समाज का विरोध

रमेश का कहना है कि वह अपनी बेटियों को लड़कों की तरह पढ़ा-लिखा रहे हैं, जिसे समाज के कुछ लोग पसंद नहीं करते। उनका मानना है कि बेटियों को शिक्षा देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना समाज की रूढ़िवादी सोच के खिलाफ है।

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