छतरपुर में पुलिस पर हमला और फिर आरोपी का घर तोड़े जाने के मामले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया सामने आई है।
पत्थरबाजी की घटना पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, निश्चित रूप से यह निंदनीय है। कानून के रखवाले (पुलिस) हमारी रक्षा करते हैं और हम उन्हें ही यदि असुरक्षित कर देंगे, उनके ऊपर किसी तरह का कृत्य करेंगे तो यह दर्शाता है कि यह अशिक्षा का भाव है। जो भी अशिक्षित होता है, वो विवाद करता है। जो शिक्षित होता है, वो संवाद करता है।
धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, भारत में हमारे पूर्वजों ने संविधान को स्वीकार किया। इसलिए संविधान और कानून की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। हम यह भी कहना चाहेंगे कि भारत को कृपा करके भारत ही रहने दो, इसे बांग्लादेश और श्रीलंका बनाने की कोशिश मत कीजिए।
पुलिस और प्रशासन को दिया धन्यवाद
शास्त्री ने कहा, ये भारत है साहब...राम का राष्ट्र है। शांति का राष्ट्र है, यहां शांति से वार्तालाप किया जा सकता है। पुलिस प्रशासन को धन्यवाद...उन्होंने सहनशीलता भी दिखाई और कृत्य करने वालों पर कठोर कार्रवाई भी की। इससे एक नई लाइन खिंच गई कि यदि आप गलत करोगे तो 'छत से जुदा घर हो जाएगा...।' उन्होंने कहा, पुलिस वाले हमारे रक्षक हैं, यदि वो ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हमारी रक्षा कौन करेगा।
नेहा सिंह घर ढहाने की आलोचना की
उधर, कांग्रेस नेता हाजी शहजाद का घर तोड़े जाने पर भोजपुरी गायिका व कवियित्री नेहा सिंह राठौर ने कहा, बुलडोजर से न्याय की उम्मीद करने वाले लोग कुएं के उस मेंढक की तरह हैं, जो कुएं में सांप को बुलाकर विरोधियों के खात्मे और अपनी खुशहाली के सपने देखते हैं। बुलडोजर से सिर्फ तोड़ा जा सकता है...कभी इमारतों को...कभी न्याय-व्यवस्था को... कभी संविधान को तो कभी समाज और देश को। नेहा सिंह ने कहा, बुलडोजर सिर्फ अन्याय कर सकता है, न्याय करना न्यायपालिका का काम है।
क्या है मामला
दरअसल, छतरपुर में सिटी कोतवाली पर पथराव के मामले में गुरुवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली की हवेली पर बुलडोजर चलवा दिया था। हवेली का निर्माण 20 हजार वर्ग फीट में बगैर अनुमति था। इसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपए बताई जाती है। प्रशासन ने शहजाद के भाई पार्षद आजाद अली का घर भी जमींदोज कर दिया है।
नामजद 46 लोगों पर केस
गौरतलब है कि बुधवार को विवादित टिप्पणी से नाराज लोग ज्ञापन सौंपने छतरपुर कोतवाली पहुंचे थे। लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों सहित कुल पांच लोग जख्मी हो गए थे। इसके बाद सरकार के निर्देश पर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए नामजद 46 लोगों पर केस दर्ज किया था। शहर में आरोपियों का जुलूस भी निकाला गया था।
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