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MP चेक रिपब्लिक की राजकुमारी इटका क्लेट मध्यप्रदेश के तामिया (पातालकोट) में छोटा महादेव झरने की सुंदरता का आनंद ले रही थीं। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच जब वह पानी में नहाने गईं थीं, तभी अचानक उनकी 22 लाख रुपए की इंगेजमेंट रिंग फिसलकर झरने में गिर गई। जैसे ही अंगूठी पानी में गिरी, राजकुमारी उदास हो गईं। उन्होंने खुद भीगी आंखों से रिंग खोजने की कोशिश की। आसपास मौजूद सैलानियों ने भी मदद की, लेकिन छह घंटे की भारी मशक्कत के बाद भी अंगूठी नहीं मिली। हारकर वह मायूस होकर छिंदवाड़ा लौट गईं।
नींबू पानी बेचने वाले मनोज ने खोजी अंगूठी
राजकुमारी ने लौटने के बाद नींबू पानी की दुकान चलाने वाले मनोज विश्वकर्मा को अंगूठी खोने की बात पता चली। इसके बाद उसने आसपास के गांवों से एक दर्जन से अधिक आदिवासी युवाओं को बुलाया। युवाओं ने तय किया कि जब तक अंगूठी नहीं मिलती वे खोजते रहेंगे।
2 दिन झरने के पानी में रेत छानी
झरने के ठंडे पानी में उतरकर रेत छानने, पत्ते हटाने और छोटे-छोटे कणों तक की तलाश करने के लिए आदिवासी युवा जुटे रहे। लगातार दो दिन की कठिन मेहनत के बाद के बीच से कीमती अंगूठी मिली। जब अंगूठी मिलने की खबर राजकुमारी तक पहुंची, तो वह बेहद भावुक हो गईं। उन्होंने खुश हो गईं।
5 लाख का दिया इनाम
राजकुमारी ने आदिवासी युवाओं को पांच लाख रुपए इनाम देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन युवाओं ने बड़ी विनम्रता से इंकार कर दिया। आदिवासियों ने कहा कि आप हमारे मेहमान हैं, हम आपके दुख का सौदा नहीं कर सकते।आदिवासियों ने सिर्फ अपनी दो दिन की मेहनत का मेहनताना 41 हजार रुपए राजकुमारी से लिया।
राजकुमारी हुईं भारतीय संस्कृति की कायल
राजकुमारी इटका क्लेट ने इस पूरे अनुभव को अविस्मरणीय बताते हुए भारतीय संस्कृति को सलाम किया। उन्होंने कहा कि भारत ने एक बार फिर दिल जीत लिया। यहां के लोग जमीन से ही नहीं, दिल से भी जुड़े हुए हैं। राजकुमारी ने कि वह इस अनुभव को जीवन भर अपने याद रखेंगी। इलाज के लिए आई थीं, लेकिन यहां के लोगों की ईमानदारी ने उनके दिल का भी इलाज कर दिया।
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आयुर्वेदिक इलाज के लिए आई थीं राजकुमारी
गौरतलब है कि चेक रिपब्लिक की राजकुमारी इटका क्लेट अपने स्पाइन के आयुर्वेदिक इलाज के लिए छिंदवाड़ा आई थीं। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें डॉ. टाटा के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानकारी मिली थी। इलाज के दौरान उन्होंने पातालकोट और तामिया घूमने की इच्छा जताई थी। इसी यात्रा के दौरान छोटा महादेव झरने पर उनकी अंगूठी खो गई थी।
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