मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के मथाना गांव से एक बेहद खुशी की खबर आई है। लगभग 15 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद गांव में फिर से शादियों की रौनक लौटने वाली है।
पंचायत के वरिष्ठों और ग्रामीणों की एकजुट पहल से 30 अप्रैल को गांव में पहली बारात आएगी।
दरअसल, एक कुप्रथा के चलते गांव में पिछले डेढ़ दशक से शादियां नहीं हो रही थीं। अब पंच परमेश्वरों की पहल और ग्रामीणों के सामूहिक निर्णय से इस परंपरा की जंजीर तोड़ी जा रही है। जल्द ही गांव में शादी की रौनक लौटेगी और वर्षों बाद फिर से शहनाइयां गूंजेंगी।
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फिर गुंजेंगी शहनाई
मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के मथाना गांव में पिछले 15 वर्षों से रुकी हुई शहनाइयों की गूंज एक बार फिर सुनाई देगी। गांव में प्रचलित एक कुप्रथा के चलते लंबे समय से शादी-विवाह पूरी तरह बंद थे। अब पंचायत के वरिष्ठों और ग्रामीणों ने मिलकर इस बंधन को तोडऩे का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
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गांव में आएगी पहली बारात
30 अप्रैल को गांव में पहली बारात आएगी, जो इस नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगी। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास और पंच परमेश्वरों की पहल ने इस पुराने अंधविश्वास को खत्म करने का रास्ता खोला है। जल्द ही गांव में फिर से शादी-ब्याह की रौनक लौटेगी और वर्षों बाद शहनाइयों की मधुर धुन गूंजेगी।
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सामाजिक बदलाव की रखी नींव
रविवार को पंच परमेश्वर मथाना गांव पहुंचे, जहां सभी ग्रामीणों की उपस्थिति में यज्ञ-अनुष्ठान, गौ माता पूजन, कन्या पूजन और सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए गांव में सामाजिक बदलाव की नींव रखी गई और मांगलिक कार्यों की नई शुरुआत हुई। इसी कड़ी में गांव में 30 अप्रैल को पहली शादी संपन्न होगी, जिसमें बारात भी आएगी।
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इसलिए नहीं हुआ था सालों से विवाह
यादव महासभा के जिलाध्यक्ष केपी यादव ने जानकारी दी कि करीब 20 साल पहले गांव में आपसी झगड़े के चलते एक व्यक्ति घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद गांव में एक कुप्रथा शुरू हो गई थी, जिसके तहत विवाह कार्यक्रम बंद कर दिए गए थे। हालांकि कुछ समय के लिए शादियां फिर शुरू हुईं, लेकिन पिछले 15 वर्षों से यहां पूरी तरह से विवाह समारोह नहीं हो रहे थे।
आपसी सहयोग से होगा खर्चा
अब जब गांव वालों ने मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया, है तो 30 अप्रैल को गांव में पहला विवाह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का सारा खर्चा ग्रामीण आपसी सहयोग से उठा रहे हैं।