पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने CM को लिखा पत्र, स्टाम्प ड्यूटी बढ़ोतरी को बताया बड़ा नुकसान

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर स्टाम्प ड्यूटी में वृद्धि का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम केवल वित्तीय घाटे को भरने के लिए है, जो आम जनता की आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ेगा।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी में वृद्धि का कड़ा विरोध किया। पटवारी ने आरोप लगाया कि इस वृद्धि का उद्देश्य राज्य सरकार का वित्तीय घाटा भरना है, न कि जनता की भलाई। उन्होंने इसे आम आदमी की कमर तोड़ने की नीति बताया, जो महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा है।

क्या कह रहे हैं जीतू पटवारी?

पटवारी ने पत्र में कहा, "विधानसभा में पारित विधेयकों से आपकी सरकार का ध्यान राजस्व वसूली पर है।" उन्होंने कहा कि शपथ पत्र, प्रॉपर्टी एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी और लाइसेंस नवीनीकरण जैसे दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क 100% से 500% तक बढ़ा दिया गया है। इससे आम आदमी की आर्थिक स्थिति पर प्रत्यक्ष असर पड़ रहा है।

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आर्थिक संकट और सरकारी खर्चे

जीतू पटवारी ने पत्र में बताया कि MP की सरकार पहले से ही 4.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूबी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनता के खजाने को लूट रही है, जबकि सरकारी योजनाओं की लागत में भारी भ्रष्टाचार और कमीशन का खेल चल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने सरकार की फिजूलखर्ची पर भी सवाल उठाए, जैसे हवाई यात्राओं, बंगलों और प्रचार पर होने वाला खर्च।

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जीतू पटवारी ने की ये मांग

Jeetu Patwari - jeetu patwari 320 - Navbharat Times

👉जीतू पटवारी ने मांग की है कि स्टाम्प शुल्क में जो अव्यवहारिक और जनविरोधी वृद्धि की गई है, उसे तुरंत वापस लिया जाए।

👉यह समिति गठन करने की मांग की गई है, जो यह जांचे कि किन दस्तावेजों पर शुल्क वृद्धि आवश्यक है और किस स्तर तक यह बढ़ाई जानी चाहिए।

👉पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा लिए गए कर्ज, उसकी शर्तें और उपयोगिता की सार्वजनिक समीक्षा की जाए।

👉सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखने के लिए तीसरी पार्टी ऑडिट की व्यवस्था लागू की जाए और उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

👉सरकारी विदेश यात्राओं, लग्जरी गाड़ियों, बंगलों और प्रचार पर खर्च की एक सीमा तय की जाए और उस पर नियंत्रण लगाया जाए।

👉प्रदेश के सभी रजिस्ट्री ऑफिस और स्टाम्प बिक्री केंद्रों में डिजिटल पारदर्शिता की व्यवस्था लागू की जाए ताकि दलाली और भ्रष्टाचार पर रोक लगे।

👉गरीब, किसान, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजनों के लिए दस्तावेजी प्रक्रिया में विशेष रियायत दी जाए।

PCC चीफ ने पूछे सवाल 

  • "क्या एक साधारण नागरिक के लिए जरूरी दस्तावेज बनवाना अब लग्जरी हो गया है?"
  • "क्या आपके लिए सत्ता का मतलब सिर्फ कर वसूली और खर्च की आजादी है?"
  • "क्या भ्रष्टाचार से उपजे घाटे की भरपाई अब प्रदेश के आम नागरिक को करनी होगी?"

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