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MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जबलपुर की भूमि पर शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की। बरगी हिल्स क्षेत्र में प्रस्तावित “सांदीपनि विद्यालय (CM RISE SCHOOL)” के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होंने एक शैक्षणिक संस्थान की नींव रखी, बल्कि यह संकेत भी दिया कि राज्य सरकार आधुनिक शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने को प्रतिबद्ध है। यह विद्यालय ‘सीएम राइज़ स्कूल योजना’ के अंतर्गत प्रस्तावित है, जिसकी परिकल्पना मुख्यमंत्री ने राज्य के सरकारी विद्यालयों को नवाचार, तकनीकी संसाधनों और विश्वस्तरीय संरचना से युक्त करने के उद्देश्य से की है।
शिक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता का स्पष्ट संदेश
सीएम मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार यह मानती है कि किसी भी समाज की प्रगति का मूल आधार शिक्षा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीएम राइज़ स्कूल केवल स्कूल नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रयोगशाला है जहां भविष्य के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक और प्रशासक गढ़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में इस योजना के तहत उत्कृष्ट विद्यालय तैयार किए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को निजी स्कूलों की ओर पलायन न करना पड़े और सरकारी स्कूल भी गर्व का कारण बनें।
अच्छी शिक्षा व्यवस्था की ओर एक निर्णायक कदम
13 मई 2025 का दिन जबलपुर के लिए केवल एक उद्घाटन की तारीख नहीं रहा, बल्कि यह दिन शहर के शैक्षणिक भविष्य की नींव रखने वाला दिन बन गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल बताती है कि राज्य सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि योजनाओं को धरातल पर साकार करना उसका वास्तविक उद्देश्य है। सीएम राइज़ स्कूल न केवल बरगी क्षेत्र, बल्कि पूरे महाकौशल के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा, जहां से निकलने वाले विद्यार्थी आने वाले कल के नेतृत्वकर्ता होंगे।
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स्मार्ट क्लास से लेकर विज्ञान प्रयोगशाला तक
बरगी हिल्स स्थित आईटी पार्क के समीप बनने वाले इस सीएम राइज स्कूल को एक मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ तकनीक, प्रयोग और खेल का समन्वित वातावरण मिलेगा। प्रस्तावित विद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था होगी, जो पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों से इतर डिजिटल माध्यमों पर आधारित होगी। विद्यार्थियों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल लैब, विज्ञान की गहन समझ के लिए प्रयोगशालाएं, ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय और शारीरिक विकास हेतु विशाल खेल मैदान भी उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यालय परिसर में स्वच्छ पेयजल, आधुनिक शौचालय और बच्चों की सुरक्षा हेतु सीसीटीवी जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी, जिससे अभिभावकों को संतोष और बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्राप्त हो सकेगा।
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PWD करेगा निर्माण
इस विद्यालय का निर्माण कार्य मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण कार्य गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। योजना के अनुसार यह विद्यालय आगामी शैक्षणिक सत्र से पूरी तरह क्रियाशील हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार केवल भवन नहीं बना रही, बल्कि एक ऐसे संस्थान का निर्माण कर रही है जो आने वाले वर्षों में हजारों बच्चों के जीवन को नई दिशा देगा। बरगी हिल्स क्षेत्र और उसके आसपास के ग्रामीण अंचलों के बच्चों को अब गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी, जिससे उन्हें आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मजबूती मिलेगी।
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जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की उपस्थिति
मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने की, जो इस परियोजना के प्रत्यक्ष संरक्षक भी हैं। मंच पर जबलपुर लोकसभा सांसद आशीष दुबे, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिकि, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायकगण सुशील तिवारी इंदु, अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, लखन घनघोरिया, नीरज सिंह, संतोष बरकड़े, भाजपा महानगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर एवं भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटेल की उपस्थिति से यह आयोजन गरिमामयी बना। इन जनप्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्यों में कहा कि यह स्कूल केवल एक शैक्षणिक परियोजना नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की नींव है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री की विकास यात्रा में जबलपुर की यह पहल एक मजबूत मील का पत्थर साबित होगी।
स्थानीय जनसहभागिता बनी उदाहरण
कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति यह दर्शा रही थी कि जनता सरकार की शिक्षा नीतियों से न केवल जुड़ाव महसूस कर रही है, बल्कि उनमें गहरी आस्था भी रखती है। लोग समय से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए थे और बड़ी संख्या में महिलाओं व युवाओं की भागीदारी यह संकेत दे रही थी कि शिक्षा अब केवल सरकारी एजेंडा नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन बन चुकी है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए अपने क्षेत्र के विकास की अपेक्षाएं भी साझा कीं।
एमपी हिंदी न्यूज