इंदौर में बुधवार को किसानों ने चोइथराम मंडी के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यह किसान लहसुन की बोली कम भाव में होने से गुस्से में थे। किसानों का कहना था कि एक दिन पहले बोली 18 हजार रुपए थी और यह बुधवार को 12 हजार कर दी गई। अधिकारी और व्यापारियों की मिलीभगत हो रही है और इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। वहीं भोपाल जाने से पहले प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस जीतू पटवारी भी मौके पर पहुंचे और किसानों की लड़ाई लड़ने की बात कही।
परमार दंपति के बच्चों का पालन-पोषण करेगी कांग्रेस, नेताओं ने किया वादा
यह बोले जीतू पटवारी
पटवारी ने कहा कि यह सरकार का दोहरा रवैया है। राजनीति करने के लिए चाइना के माल के बहिष्कार की बात बोलते है लेकिन अफगानिस्तान के रास्ते से चाइना के लहसुन आने पर कोई रोक नहीं लगती है, इससे बेचारा किसान मारा जा रहा है। किसान भी खेत में जवान की भूमिका में ही रहता है। लेकिन किसानों की आय बढ़ाने के लिए कुछ नहीं हो रहा है। हमने गेहूं के दाम 2700, धान के 3100 करने के बीजेपी के ही वादे को पूरा करने के लिए कहा तो वह नहीं कर रहे हैं। सोयाबीन 3800 के भाव बिक रहा जिसकी लागत ही 4400 रुपए है। लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव के लिए बीजेपी इसके दाम 6000 करती है मप्र में नहीं।
मंडी अधिकारियों को बुलाया
जीतू ने मौके पर ही मंडी अधिकारियों को बुलाया और बोली को लेकर पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि बोली सही लग रही है। इस पर पटवारी बोले मैं अंदर आकर बोली भी देखूंगा, कल बोली 18 हजार पर थी तो एक दिन में 12 हजार पर कैसे आ गई।
लहसुन की बोली ऐच्छिक हो
पटवारी ने कहा कि वह सीएम डॉ. मोहन यादव से मांग करेंगे कि लहसुन मसाला उपज है, इसकी बोली ऐच्छिक की जाए, जिस किसान को सरकारी बोली में बेचना वह कहां बेचे और जिसे निजी को देना वह निजी स्तर पर बेचे। पटवारी ने कहा कि वह सभी कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से कहेंगे कि सदन में चाइना लहसुन का मुद्दा उठाए और
किसानों को हक दिलाएं।
कमलनाथ बोले - मध्य प्रदेश की पहचान घोटाला प्रदेश के रूप में
हार का दर्द भी उठा जीतू का
वहीं भाषण के दौरान जीतू को विधानसभा चुनाव की हार भी सता गई। वह बोले कि मेरे ऊपर भी कई हमले हुए, मुझे हरवाया गया क्योंकि मैं किसानों के हक की आवाज उठाया था उनकी लड़ाई लड़ता था। इसलिए मुझे हरवा दिया नहीं तो क्या मेहनत करने वाला व्यक्ति चुनाव हारता है। मैं किसानों की लड़ाई लड़ता रहूंगा, किसान की न जात होती है ना धर्म, किसान को भी यह नहीं देखना चाहिए कि बीजेपी से या कांग्रेस से नेता है, सही बात रखना चाहिए और किसान की लड़ाई लड़ने वालों साथ होना चाहिए। पटवारी के साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव व अन्य नेता भी थे।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक