सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल के लिए इंदौर को क्यों चुना गया, इसलिए है यह शहर संवेदनशील

इंदौर को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल के लिए क्यों चुना गया, इसके पीछे कई कारण हैं। केंद्र सरकार ने मप्र के पांच जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें इंदौर भी शामिल है।

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Sanjay Gupta
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केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार मप्र के पांच जिलों में सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल बुधवार (7 मई) को होने जा रही है। पहले चरण में चार बजे मॉक ड्रिल होगी और दूसरे चरण में साढ़े सात बजे सायरन बजने के बाद 12 मिनट का ब्लैक आउट होगा। इंदौर के साथ ही केंद्र ने सेकंड कैटगरी मॉक ड्रिल के लिए जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर और कटनी को भी रखा है। इंदौर को इसलिए इसमें रखा गया है।

आरआर कैट एक बड़ी वजह

केंद्रीय संस्थान आरआर कैट एक बड़ी वजह है। यह बहुत संवेदनशील संस्थान है, जहां लेजर टेक्निक पर काम होता है। इसरो के स्पेश स्टेशन सहित देश की रक्षा और स्पेस जैसे अहम कामों के लिए यहां पर काम होता है।

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महू का आर्मी वार कॉलेज

यह एक दूसरी बड़ी वजह है। यहां पर आर्मी के नवनियुक्त को ट्रेनिंग दी जाती है। एक साथ ढाई-तीन हजार आर्मी के पदाधिकारी यहां ट्रेनिंग करते हैं। सुरक्षा संबंधी रिसर्च भी यहां होती है।

यह अन्य बड़ी वजह

  • इंदौर में बीएसएफ की फायरिंग रेंज है और कमांडो ट्रेनिंग सेंटर भी यहां पर है

  • आईआईटी और आईआईएम दोनों ही इंदौर में मौजूद हैं

  • मप्र की व्यावसायिक राजधानी है, कई बड़े मॉल और बड़े भवन हैं जहां एक साथ सैंकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं

  • मप्र का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट भी इंदौर ही है

इस तरह होगी पूरी मॉक ड्रिल

  • इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर पूरी व्यवस्थाएं और प्रक्रिया को समझाया। साथ ही साफ तौर पर कहा कि यह प्रिकॉशनरी स्टेप है, इसके लिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है।

  • सबसे पहले तो सभी अस्पतालों पर रेडक्रॉस का साइन बनाया जाएगा।

  • मॉक ड्रिल में तीन प्रक्रियाएं की जाएंगी- दोपहर चार बजे मॉक ड्रिल होगी जिसमें तीन चरण होंगे

  • किसी बिल्डिंग में आग लगती है तो सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन कैसे किया जाना है इसकी ड्रिल होगी

  • दूसरा, यदि किसी बिल्डिंग में हमले से डैमेज होता है तो इसमें कैसे रेस्क्यू करना है और जरूरत हुई तो कैसे अस्थायी अस्पताल बनाना है। इसकी ड्रिल होगी।

  • तीसरी मॉक ड्रिल होगी, इसमें होगा कि यदि कोई बिल्डिंग हमले में खतरे में आती है तो इसमें सिविलियंस को कैसे बचाना है और उन्हें निकालकर बंकर या अन्य सुरक्षित जगह ले जाना है।

12 मिनट के लिए होगा पूरा ब्लैकआउट

वहीं दूसरे चरण में साढ़े सात बजे से पूरा ब्लैकआउट होगा। स्ट्रीट लाइट सहित सभी लाइट बंद होंगी। इसके लिए पहले दो मिनट का सायरन ऊंची-नीची आवाज में बजेगा। यह 12 मिनट के लिए होगा और इसके बाद फिर सायरन बजेगा और लाइट आ जाएगी। अंधेरे के दौरान व्यक्ति इन्वर्टर, मोमबत्ती जैसी चीजों का उपयोग कर सकता है लेकिन पर्दे ढंककर इस तरह से कि बाहर लाइट नहीं जाए और रोशनी घर के अंदर ही रहे। कलेक्टर ने कहा कि इस दौरान जो वाहन सड़क पर होंगे, वे भी बंद कर किनारे खड़े होंगे और उनकी लाइट भी बंद होगी।

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सिविल डिफेंस प्लान बनेगा

कलेक्टर ने कहा कि सिविल डिफेंस प्लान बनाने के भी निर्देश हैं, पहले का जो प्लान था वह अब महत्वहीन हो चुका है। साथ ही अहम बिल्डिंग को भी चिह्नित करेंगे। ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल में कैसे व्यवहार करना है, इसके लिए भी माल संचालक, व्यापारी और इन सभी की बैठक बुधवार को कर रहे हैं, ताकि कोई पैनिक नहीं हो और भगदड़ नहीं बने। कलेक्टर ने कहा कि बीएसएनएल के टावर पर सायरन लगा रहे हैं, ताकि आवाज की जा सके।

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