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Mock drill Indore Photograph: (thesootr)
युद्द के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए होने वाली माक ड्रिल अब सात मई को होने जा रही है। इसके लिए केंद्र द्वारा चिह्नित जिलों में मप्र के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के साथ कटनी जिला शामिल है। मंगलवार 6 मई की शाम को मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इन जिलों के एसपी, कलेक्टर, पुलिस कमिशनर व अन्य़ अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग कर पूरी माक ड्रिल कैसे होना है यह बताया।
इस तरह होगी पूरी मॉक ड्रिल
बैठक के बाद इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर पूरी व्यवस्थाएं और प्रक्रिया को समझाया। साथ ही साफ तौर पर कहा कि यह प्रिकाशनरी स्टेप है, इसके लिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
- सबसे पहले तो सभी अस्पताल पर रेडक्रास का साइन बनाया जाएगा।
- माक ड्रिल में तीन प्रक्रियाएं की जाएगी- दोपहर चार बजे माक ड्रिल होगी जिसमें तीन चरण होगें...
- किसी बिल्डिंग में आग लगती है तो सर्च और रेस्क्यू आपरेशन कैसे किया जाना है इसकी ड्रिल होगी
- दूसरा किसी बिल्डिंग यदि हमले में डैमेज होती है तो इसमें कैसे रेस्कूय करना है और जरूरत हुई तो कैसे अस्थाई अस्पताल बनान है। इसकी ड्रिल होगी।
- तीसरी माक ड्रिल होगी इसमें होगा कि यदि कोई बिल्डिंग हमले में खतरे में आती है तो इसमें सिविलियंस को कैसे बचाना है और उन्हें निकालकर बंकर या अन्य सुरक्षित जगह ले जाएंगे।
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12 मिनट के लिए होगा पूरी ब्लैकआउट
वहीं दूसरे चऱण में साढ़े सात बजे से पूरा ब्लैकआउट होगा। स्ट्रीट लाइट सहित सभी लाइट बंद होगी। इसके लिए पहले दो मिनट का सायरन ऊंची-नीची आवाज में बजेगा। यह 12 मिनट के लिए होगा और इसके बाद फिर सायरन बजेगा और लाइट आ जाएगी। अंधेरे के दौरान व्यक्ति इन्वर्टर, मोमबत्ती जैसी चीजों का उपयोग कर सकता है लेकिन पर्दे ढंककर इस तरह से कि बाहर लाइट नहीं जाएं और रोशनी घर के अंदर ही रहे। कलेक्टर ने कहा कि इस दौरान जो वाहन सड़क पर होंगे वह भी बंद कर किनारे खडें होंगे और उनकी लाइट भी बंद होगी।
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सिविल डिफेंस प्लान बनेगा
कलेक्टर ने कहा कि सिविल डिफेंस प्लान बनाने के भी निर्देश है, पहले का जो प्लान था वह अब महत्वहीन हो चुका है। साथ ही अहम बिल्डिंग को भी चिह्नित करेंगे। ब्लैकआउट और माकड्रिल में कैसे व्यवहार करना है इसके लिए भी माल संचालक, व्यापारियों इन सभी की बैठक बुधवार को कर रहे हैं, ताकि कोई पैनिक नहीं हो और भगदड़ नहीं बचें। कलेक्टर ने कहा कि बीएसएनएल के टावर पर सायरन लगा रहे हैं, ताकि आवाज की जा सके।
मॉक ड्रिल: आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा की तैयारी
मॉक ड्रिल (Mock Drill) एक तरह की आपातकालीन अभ्यास प्रक्रिया है, जिसे किसी भी तरह के संकट या दुर्घटना की स्थिति में तेजी से और सही तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए आयोजित किया जाता है। यह ड्रिल आमतौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल, जीवन रक्षा उपायों और विभिन्न आपातकालीन स्थितियों से निपटने के तरीकों को प्रशिक्षित करने के लिए की जाती है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य टीम की तत्परता और संसाधनों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करना है।
ऐसे होती है मॉक ड्रिल...
1. संकट का माहौल तय करना
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मॉक ड्रिल की शुरुआत एक आपातकालीन स्थिति के परिदृश्य से होती है। यह परिदृश्य किसी भी वास्तविक जीवन की स्थिति पर आधारित हो सकता है, जैसे आग लगना, भूकंप, बम धमाका, या किसी अन्य प्राकृतिक या मानव जनित आपदा।
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इसमें यह तय किया जाता है कि कौन-कौन से रिस्पॉन्स टीमें शामिल होंगी और उनकी जिम्मेदारियां क्या होंगी।
2. प्रशिक्षण और तैयारी
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मॉक ड्रिल में हिस्सा लेने वाले सभी कर्मचारियों और टीम के सदस्यों को पहले से प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण उनके कर्तव्यों और सुरक्षा प्रोटोकॉल को समझने के लिए आवश्यक होता है।
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इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी टीम सदस्य घटनास्थल पर तुरंत और सही तरीके से प्रतिक्रिया करें।
3. कम्यूनिकेशन का परीक्षण
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मॉक ड्रिल के दौरान, आपातकालीन संचार प्रणालियों का परीक्षण किया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी टीम सदस्य और संबंधित अधिकारी एक-दूसरे से संपर्क कर सकें।
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इसमें रेडियो, टेलीफोन और अन्य संचार उपकरणों की कार्यक्षमता जांची जाती है।
4. सुरक्षा उपकरणों का उपयोग
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मॉक ड्रिल में सुरक्षा उपकरणों का उपयोग भी महत्वपूर्ण होता है, जैसे आग बुझाने के उपकरण, प्राथमिक चिकित्सा किट, और अन्य आवश्यक संसाधन।
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यह देखा जाता है कि सभी उपकरण सही स्थिति में हैं और उनका इस्तेमाल प्रशिक्षण के दौरान किया जा सकता है।
5. बाहर निकालना और बचाव योजना
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मॉक ड्रिल के दौरान, आपातकालीन स्थिति में इवाकुएशन और बचाव प्रक्रिया का परीक्षण किया जाता है।
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इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी व्यक्ति सुरक्षित स्थानों पर पहुँच सकें और जो लोग घायल हैं, उनका सही तरीके से इलाज किया जा सके।
6. समय प्रबंधन का पालन
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मॉक ड्रिल के दौरान समय सीमा का पालन किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम कितने समय में घटना स्थल पर पहुंचती है और कितनी जल्दी मदद पहुँचाई जाती है।
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यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों, ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
मॉक ड्रिल के फायदे...
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आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया
मॉक ड्रिल से टीम को आपातकालीन स्थिति में त्वरित और सही प्रतिक्रिया देने का अभ्यास मिलता है। इससे समय बचता है और नुकसान कम होता है। -
कम्यूनिकेशन सुधार
इस दौरान संचार प्रणाली की जांच की जाती है, जिससे संकट के समय में संवाद में कोई समस्या नहीं होती। -
सुरक्षा सुनिश्चित करना
मॉक ड्रिल से सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित होता है, और यह सुनिश्चित करता है कि सभी कर्मचारी सुरक्षित तरीके से कार्य करें। -
संसाधनों का बेहतर उपयोग
मॉक ड्रिल यह सुनिश्चित करती है कि सभी संसाधन आपातकालीन स्थिति में सही तरीके से इस्तेमाल किए जाएं। -
टीम की तत्परता
मॉक ड्रिल टीम की तत्परता और समन्वय को बढ़ावा देती है, जिससे वे संकट के दौरान अधिक सक्षम होते हैं।
मॉकड्रिल | CS अनुराग जैन | मध्यप्रदेश