BHOPAL. भोपाल में भारत-पाकिस्तान विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सरोजिनी नायडू कन्या कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि देश का बंटवारा 20वीं शताब्दी की दुखद घटनाओं में से एक है। इस विभाजन की त्रासदी का शब्दों में बखान बहुत कठिन है। मोहम्मद गजनबी ने सोमनाथ मंदिर मंदिर तोड़ने के साथ देश की आजादी को तोड़ने की पहली कोशिश की थी।
अंग्रेजों के लिए कलेक्शन जुटाते थे कलेक्टर
सीएम मोहन ने आगे कहा कि अंग्रेज हमारे देश में व्यापार करने के लिए आए थे, लेकिन व्यापार के बहाने से और व्यापार की रक्षा के लिए उन्होंने सेना तैयार की। इसके साथ ही सेना के बहाने से अंग्रेजों ने धीरे-धीरे बंटे हुए राज्यों को किराए पर लेने लगे। ये आज के कलेक्टर अतीत में अंग्रेजों के कलेक्शन करने वाले आदमी थे, कलेक्टर उस वक्त राजस्व जमा का काम करते थे।
विभीषिका से सबक लेना होगा
सीएम मोहन यादव ने कहा कि धर्म के आधार पर हुआ देश का विभाजन भारत के इतिहास का काला अध्याय था। किसी देश को लंबी यात्रा करना है और आगे जाना है, तो इतिहास में गई गलतियों से सबक लेना होगा। नहीं करने पर सच मानिए भविष्य खतरे में आ जाएगा।
पीएम मोदी के प्रयासों से इस दिवस को स्मृति दिवस के रूप में हम मना रहे है। विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि है। अतीत की गलतियों से सीख कर हम सभी भविष्य की लंबी उड़ान के लिए तैयार हों।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही बंटवारे के दौरान मारे गए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में विभाजन के विस्थापित परिवारों को भी बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने इन परिवारों का सम्मान भी किया।
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