BHOPAL. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस (NC) और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा है। साथ ही सीएम मोहन ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर सवाल दागे हैं।
सीएम मोहन यादव ने पूछे सवाल...
- सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को लेकर कहा कि फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस पार्टी का साथ मिलकर चुनाव लड़ना इंगित करता है कि कांग्रेस क्या नेशनल कांफ्रेंस (NC) के घोषणा पत्र अनुसार अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है....?
- सीएम मोहन ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख़्त-ए-सुलिमान और हरिपर्वत को कोह-ए-मारन के नाम से जाना जाएं....?
- क्या कांग्रेस धारा 370 और 35A को फिर से कश्मीर में लाना चाहती है..?
- बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस (NC) को साथ जोड़कर कश्मीर के बदले देश में अराजकता पैदा करना चाहती है। क्या फिर से पाकिस्तान से वार्तालाप करना चाहती है।
- क्या कांग्रेस फिर बाबा अमरनाथ की यात्रा पर संकट मंडराना चाहती है...? क्योंकि यही कारण थे जिनसे कश्मीर में अशांति बनी रही... जिसका कारण धारा 370 और 35A था... मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस को इन बातों का जवाब देना चाहिए।
सीएम ने कांग्रेस को याद दिलाई ये बात
सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस को उन सारी बातों को याद करना चाहिए जिनके कारण से कश्मीर में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या हुई है। साथ ही सीएम मोहन ने कहा कि कश्मीर आज विकास के एक अलग दौर में पहुंचा है, पूरे देश के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना चाहता है, लेकिन कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति के कारण से दलितों, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करना चाहती है।
जम्मू-कश्मीर के बीच में विभाजन का कार्य कांग्रेस ने किया और उसमें नेशनल कांफ्रेंस की बड़ी भूमिका रही। pic.twitter.com/WLI3SaMvS1
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 24, 2024
बदलते दौर में अराजक तत्वों के साथ कांग्रेस
गठबंधन पर निशाना साधते हुए सीएम मोहन ने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर के बीच विभाजन का काम कांग्रेस ने लंबे समय तक कराया और उसमें नेशनल कांफ्रेंस की बड़ी भूमिका थी। आज कश्मीर का जो बदलता दौर है इस बदलते दौर में कांग्रेस फिर उन अराजक तत्वों के साथ मिल रही है, जिसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए।
NC के साथ खड़े होने की कौन सी मजबूरी?
मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव की राजनीति में दलों की सीमा भले हो सकती है लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस को विचार करना चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विचार करें कि उनको नेशनल कांफ्रेंस के साथ खड़े होने की कौन सी मजबूरी थी, इसका जवाब देश की जनता जानना चाहती हैं।
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