सीएम मोहन की पार्षद पर खुली छूट, डकैत हो या उसका बाप, पकड़ो, 19 केस है दर्ज, डकैती से नाम पड़ा डकैत

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को खुली छूट दी है।

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Sanjay Gupta
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सीएम डॉ. मोहन यादव ने लव जिहाद केस में हिंदू युवतियों को फंसाने के लिए फंडिंग करने वाले कांग्रेस के पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत को लेकर अधिकारियों को खुली छूट दी है। सीएम ने गुरुवार को इंदौर दौरे पर दो टूक कहा कि डकैत हो या डकैत का बाप हो, सबसे निपटना हम जानते हैं।

सीएम ने यहां तक दी छूट

सीएम ने साफ और सख्ती से कहा कि हमारे राज के अंदर जो कानून तोड़ेगा, उससे निपटना भी हम जानते हैं। वह डकैत हो या डकैत का बाप हो, सबसे निपटना हम जानते हैं। हमने कहा है हमारे प्रशासन के साथ आप ढूंढिए और जहां मिले वहां पकड़िए और नहीं आता है तो जो मर्जी कीजिए। हमारी सरकार कानून के प्रति प्रतिबद्ध है।

द सूत्र ने निकाले डकैत का आपराधिक केस

द सूत्र ने कादरी के केस की रिकॉर्ड निकाले तो, यह चौंकाने वाला है। कादरी पर एक दो नहीं बल्कि 19 केस दर्ज हैं। अभी तक पुलिस प्रशासन ने इस पर रासुका क्यों नहीं लगाई। ताजा 19वां केस बाणगंगा थाने में हुआ है, जिसमें वह फरार है और दस हजार का ईनाम घोषित हुआ है। यह केस दो मुस्लिम युवकों को हिंदू युवतियों को फंसाने, शादी करने के एवज में एक और दो लाख रुपए की फंडिंग करने का है।

अनवर कादरी को इसलिए कहते हैं डकैत

अनवर डकैत पर आमर्स एक्ट, घर में घुसकर हमला करने, हत्या के प्रयास, दंगा, मारपीट, जान से मारने की धमकी, डकैती जैसी गंभीर धाराओं में केस हुए हैं। साल 1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में डकैती का केस हुआ और इस पर बाद में कई केस घर में घुसने के हुए साथ ही वसूली जैसी कई गंभीर शिकायतें हुईं, इसके चलते नाम डकैत पड़ गया।

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यह है डकैत पर अभी तक दर्ज 19 केस

  1. 1996 - महाकाल उज्जैन थाना - डकैती का केस

  2. 1997 - खजराना थाने में दो केस, मारपीट का और आमर्स एक्ट का, संयोगितागंज थाने में मारपीट का

  3. 1998 - खजराना थाने में फिर आमर्स एक्ट का और जूनी इंदौर थाना में मारपीट, जान से मारने की धमकी और आमर्स एक्ट, संयोगितागंज थाने में आमर्स एक्ट

  4. 2002 - संयोगितागंज में हत्या के प्रयास का और दूसरा घर में घुसने, जान से मारने की धमकी

  5. 2006 - संयोगितागंज में मारपीट, जान से मारने की धमकी

  6. 2009 - संयोगितागंज में हत्या के प्रयास, दंगा आदि धाराओं में

  7. 2010 - सदर बाजार में दंगा कराने, जान से मारने की धमकी धाराएं

  8. 2014 - चंदननगर में मप्र नगर निगम एक्ट

  9. 2019 - चंदननगर में नगर निगम एक्ट

  10. 2020 - सदर बाजार में जान से मारने की धमकी, मारपीट

  11. 2022 - सराफा - शासकीय काम में बाधा, मारपीट व अन्य धाराएं

  12. 2024 - सदर बाजार - घर में घुसकर हमला करने व अन्य धाराओं में

  13. 2025 - सदर बाजार - बीएनएस 196 (1)(1) में, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे, वहीं अब बाणगंगा थाने में लव जिहाद के लिए फंडिंग का केस हुआ है।

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कांग्रेस का पार्षद पति, पार्षद का देवर सभी घिरे हुए

वहीं सवाल यह भी उठता है कि आखिर कांग्रेस किन अपराधियों को संरक्षण दे रही है। सीएम ने भी कहा कि कांग्रेस के सभी नेता जमानत पर हैं। कादरी के केस से सीएम ने पूरी कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है। हाल ही में कांग्रेस पार्षद के देवर का अफीम की फैक्ट्री में नाम आ चुका है तो वहीं एक कांग्रेस पति भी खजराना थाने में वसूली के लिए फोन पर धमकी दिलाने के मामले में जांच के लिए नोटिस पा चुके हैं। वहीं प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के दोनों भाई भरत व नाना के साथ जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव पर भी केस हो चुका है, जिसमें तीनों अभी तक पुलिस गिरफ्त में नहीं आए हैं और तलाश जारी है।

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