BHOPAL. मध्यप्रदेश स्थित भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े चार धामों को तीर्थस्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार, 23 अगस्त को वीडियो जारी कर इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रमुख स्थलों सांदीपनि आश्रम (उज्जैन), नारायण धाम (उज्जैन), अमझेरा धाम (धार) और जानापाव धाम (इंदौर) को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करेंगे।
चारों स्थानों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
सीएम ने वीडियो जारी कर कहा, इतिहास से हमें सीखना चाहिए कि चाहे व्यक्ति गरीब हो या अमीर, उसे शिक्षा ग्रहण करने, वीरता धारण करने और विनम्रता बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। ये स्थल उन मूल्यों को संजोए हुए हैं, जो आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। जन्माष्टमी पर इन धामों का स्मरण करना चाहिए। इन चारों स्थानों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को जीवंत करते हैं।
जानें कौन-कौन से तीर्थस्थल विकसित होंगे...
सांदीपनि आश्रम, उज्जैन
सीएम ने कहा, उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम वह जगह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने के बाद शिक्षा ग्रहण की थी। यही वजह है कि यह स्थान भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है।
नारायण धाम, उज्जैन
सीएम ने कहा, नारायण धाम वह पावन भूमि है, जहां भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा की मुलाकात हुई थी, जो गरीबी और अमीरी की मित्रता का श्रेष्ठ उदाहरण है। हम इसे तीर्थस्थल के रूप में विकसित करेंगे।
अमझेरा धाम, धार
डॉ.मोहन यादव ने बताया, धार जिले के पास अमझेरा धाम वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी हरण के दौरान रुक्मी को युद्ध में पराजित किया था। इस स्थान को हम तीर्थस्थल बनाएंगे।
जानापाव, इंदौर
सीएम ने चौथे स्थान जानापाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा, इंदौर के पास जानापाव वह स्थल है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने परशुराम जी से विनम्रता और श्रद्धा के साथ सुदर्शन चक्र प्राप्त किया था।
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