मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार 26 दिसंबर को 'वीर बल दिवस' के अवसर पर राजधानी भोपाल स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने बातचीत में चार शहीद साहिबजादों की वीरता और साहस को याद किया। साथ ही मुख्यमंत्री यादव ने एक बड़ा ऐलान भी किया है। सीएम मोहन ने कहा कि मध्य प्रदेश में जल्द ही गुरु गोविंद सिंह जी के 4 साहिबजादों की वीरता को स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा।
बाल दिवस किसी भी दिन मनाना समाज की भूल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 26 दिसंबर के अलावा किसी और दिन बाल दिवस मनाना समाज की भूल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने पहले भी बाल दिवस किसी और दिन मनाने की भूल की थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा कर उस भूल को सुधारा है। बता दें, देशभर में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि देने का दिन है।
जो बोले सो निहाल-सत श्री अकाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीर बल दिवस पर हमीदिया रोड गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका। उन्होंने साहिबजादों के बलिदान को याद किया और गुरुवाणी सुनी। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में अपने संबोधन की शुरुआत 'जो बोले सो निहाल-सत श्री अकाल' के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खास दिन है। गुरु गोविंद सिंह ने अपना पूरा जीवन धर्म, समाज और देश के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे महान व्यक्तित्व का सौभाग्य था कि उनके परिवार ने भी देश के लिए बलिदान दिया। यह इतिहास की अनूठी घटना है।
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बलिदान और साहस को सम्मान
बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के चार वीर पुत्रों के अद्वितीय बलिदान और साहस को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। वीर बाल दिवस गुरु जी के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को समर्पित है। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए 26 दिसंबर 1705 को अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
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