BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार कलेक्टरों की कुंडली बनाएगी। गड़बड़ करने वालों की अब खैर नहीं होगी। सीएम डॉ.मोहन यादव ने सीएस अनुराग जैन को इसके निर्देश दिए हैं। काम में लापरवाही करने वाले अफसर 5 जनवरी के बाद मैनस्ट्रीम से बाहर कर दिए जाएंगे। उन्हें लूपलाइन में भेजा जाएगा।
दरअसल, शुक्रवार, 22 नवम्बर को सीएम कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस ले रहे थे। उन्होंने अफसरों की क्लास ली। वन टू वन बातचीत की। इस दौरान उन्होंने चीफ सेक्रेटरी से कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों की कामकाज की समीक्षा की जाए। इसमें जिन अधिकारियों का कामकाज ठीक नहीं है, उसकी रिपोर्ट बनाएं।
सुशासन पर सरकार का ध्यान
सीएम का सुशासन को लेकर फोकस है। वे किसी भी स्थिति में जमीनी स्तर पर काम में लापरवाही नहीं चाहते हैं। लिहाजा, अब उन्होंने कलेक्टरों की मार्किंग करने के निर्देश दिए हैं। इस मार्किंग में जिनका अधिकारियों का कामकाज ठीक नहीं होगा, उन्हें सरकार 5 जनवरी के बाद मैदान से हटा देगी।
5 जनवरी ही क्यों?
प्रदेश में अभी वोटर लिस्ट का काम चल रहा है, इसलिए चुनाव आयोग ने जिलों में कलेक्टरों के तबादले पर रोक लगा रखी है। सीएमओ के पास अभी भी कुछ कलेक्टरों की निगेटिव रिपोर्ट पहुंची है, इसलिए अब कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ने अपनी मंशा साफ तौर पर जाहिर कर दी है।
इन पैमानों पर होगी मार्किंग!
अगले एक महीने में सीएस सभी कलेक्टरों के काम की समीक्षा करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट सीएम को सौंपी जाएगी। मार्किंग में देखा जाएगा कि जिलों में प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? कलेक्टर और एसपी विकास और कानून व्यवस्था के कामों को किस तरह हैंडल कर रहे हैं। नियम विरूद्ध कामों को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं?
योजनाओं और शिकायतों की क्या स्थिति?
इसी के साथ देखा जाएगा कि सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महाअभियान 3.0 में कलेक्टरों का परफॉरमेंस कैसा रहा? सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों की क्या स्थिति है? पीएम स्व निधि योजना के हितग्राहियों को लाभ देने के लिए जिलों में क्या—क्या एक्टिविटी की गईं? इनके साथ अन्य पैमानों को आधार पर कलेक्टरों की मार्किंग की जाएगी।
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