सीएम मोहन यादव 17 जुलाई को दिल्ली दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया।
सीएम के दिल्ली दौरे के बाद से मध्य प्रदेश में बड़ी सुगबुगाहट है। चर्चा है कि एक बार फिर मोहन कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। कैबिनेट गठन के 6 महीने बाद अब मंत्रियों को प्रभार के जिलों की लिस्ट पर भी मुहर लग सकती है।
कमलेश शाह का मंत्री बनना तय!
मध्य प्रदेश में मोहन कैबिनेट का विस्तार एक बार फिर देखने को मिलने वाला है। मोहन कैबिनेट में रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया है। अब अमरवाड़ा उपचुनाव में चुनाव जीतकर आए कमलेश शाह का भी मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। कमलेश शाह के राज्य मंत्री बनाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं।
ऐसे में इस मंत्रिमंडल की सुगबुगाहट के बाद ऐसे नेता एक्टिव हो गए हैं, जो पिछले कुछ समय पहले तक बीजेपी सरकार में मंत्री थे, लेकिन मोहन कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाए गए हैं। इनमें गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, गिरीश गौतम, भूपेंद्र सिंह, अजय विश्नोई, संजय पाठक, हेमंत खंडेलवाल, मालिनी गौड़ और अर्चना चिटनीस शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, रीति पाठक, मीना सिंह के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
किस मंत्री को कहां प्रभार मिलने की चर्चा
- भोपाल- नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग व संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भोपाल का प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
- उज्जैन- उज्जैन का प्रभार डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को दिया जा सकता है।
- इंदौर- इंदौर जिले में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला या स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
- जबलपुर- पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को जबलपुर का प्रभार दिया जा सकता है।
- सागर- सागर के स्थानीय राजनीतिक समीकरण को साधने के लिए PWD मंत्री राकेश सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
- ग्वालियर- ग्वालियर में इंदर सिंह परमार या रामनिवास रावत में से किसी एक को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। दोनों रावत सिंधिया और तोमर दोनों के करीबी माने जाते हैं।
बता दें, मोहन यादव कैबिनेट में सरकार के गठन के समय 30 मंत्री बनाए गए थे। इसमें सीएम को छोड़कर 18 कैबिनेट और 6 स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए गए थे, इसके अलावा दो उपमुख्यमंत्री हैं। अभी मोहन सरकार में 3 स्थान रिक्त हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में दो से तीन नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
बदलेंगे मंत्रियों के विभाग?
चर्चा है कि कमलेश शाह के मंत्री बनाए जाने के अलावा बाकी मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। रामनिवास रावत की शपथ के बाद मोहन मंत्रिमंडल में 21 मंत्री हैं। इनमें 21 कैबिनेट मंत्री हैं। 8 जुलाई को मंत्री बनाए गए राम निवास रावत को अब तक कोई विभाग नहीं मिला है। माना जा रहा है कि कमलेश शाह की शपथ ग्रहण के बाद दोनों नए मंत्रियों को विभाग दे दिए जाएंगे।
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