मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) का एक फैसला MP में दुग्ध क्रांति की शुरुआत कर सकता है। आज शाम मुख्यमंत्री जब बैतूल और छिंदवाड़ा का दौरा करने के बाद भोपाल लौटेंगे तो प्रदेश के दुग्ध उत्पादक किसानों को बड़ी खुशखबरी दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री गोवंश रक्षा वर्ष 2024 की समीक्षा बैठक करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना की स्वीकृति पर भी चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री यादव की यह बैठक मध्य प्रदेश के किसानों, खासतौर पर पशुपालक किसानों के जीवन को बदलकर रख सकती है। ( MP milk revolution )
आइए जानते हैं, क्या खास सौगात देने जा रहे हैं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव…
हर एक लीटर दूध पर 5 रुपए प्रोत्साहन राशि
मध्य प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दुग्ध उत्पादक किसानों को हर एक लीटर दूध पर 5 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा कर सकते हैं। यानी वे किसान जो सहकारी समितियां के माध्यम से सांची दुग्ध संघ को दूध उपलब्ध करवाते हैं, उनको यह प्रोत्साहन राशि मिलेगी। दूसरे शब्दों में अगर कोई से किसान सहकारी समिति को 10 रुपए लीटर पर दूध उपलब्ध करवाता है, तो अब उसे प्रत्येक लीटर पर 5 रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। बता दें कि सहकारी समितियों के माध्यम से मध्य प्रदेश में रोजाना 10 लाख लीटर दूध का कलेक्शन होता है। यानी किसानों को रोजाना करीब 50 लख रुपए की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। महीने के हिसाब से करीब 150 करोड़ रुपए की वित्तीय जिम्मेदारी सरकार को उठाना होगी।
अमूल और NDT देंगे ट्रेनिंग
सरकार का मानना है कि इस प्रोत्साहन राशि से प्रदेश के किसान पशुपालन की ओर रुचि दिखाएंगे और इससे प्रदेश में रिकॉर्ड दूध का उत्पादन भी हो सकेगा। इस काम में सरकार अमूल और एनटीडी यानी Nondestructive testing (NDT) से किसानों को ट्रेनिंग दिलवाएगी। इसके अलावा हर पंचायत स्तर पर दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही नए जिलों में क्लस्टर बनाकर नए डेयरी प्लांट भी डवलप किए जाएंगे।
बड़ा सवाल- दूध का उत्पादन बढ़ेगा तो खपत कहां करेंगे
बड़ा सवाल ये है कि प्रोत्साहन राशि की योजना से प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में मवेशी पालेंगे। इससे दूध का उत्पादन भी तेजी से बढ़ेगा। ऐसे में अतिरिक्त दूध की खपत करने के लिए सरकार आंगनबाड़ियों में बच्चों को दूध का वितरण कर सकती है। सरकार यानी डॉक्टर मोहन यादव का मानना है कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन होंगे। अभी जो किसान सिर्फ खेती पर ही निर्भर हैं, वे पशुपालन की ओर बढ़ेंगे। इससे उनकी आय के दो जारिए हो जाएंगे।
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आंगनबाड़ियों में बंटता था दूध पाउडर
बता दें कि इससे पहले प्रदेश की आंगनबाड़ियों में बच्चों को दूध की जगह दूध पाउडर ( MILK POWDER) बांटा जाता था। इस योजना के 60 करोड़ रुपए के भुगतान का विवाद पंचायत और उद्यान की विभाग के बीच में चल रहा है।
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