मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बदला सीएम राइज स्कूल का नाम, अब सांदीपनि के नाम से जाने जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 अप्रैल 2025 को 'स्कूल चलें हम' अभियान की शुरुआत की और सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर सांदीपनि स्कूल रखा। जानें इस पहल के बारे में।

author-image
Sourabh Bhatnagar
एडिट
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के सभी सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर अब इन्हें 'सांदीपनि स्कूल' रखने की घोषणा की। इस निर्णय के पीछे मुख्यमंत्री का कहना था कि "सीएम राइज स्कूल का नाम ऐसा लगता था जैसे अंग्रेजों के जमाने का हो, इसलिए इसे बदलकर सांदीपनि ऋषि के नाम पर किया गया है। इस कदम के जरिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों को एक भारतीय और सांस्कृतिक पहचान देने की कोशिश की है।

राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम 2025 का आगाज

1 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में 'स्कूल चलें हम' अभियान-2025 की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल के शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरेरा कॉलोनी (ओल्ड कैंपियन) पहुंचे, जहां राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए, और सरकारी स्कूलों में भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी।

शिक्षा मंत्री की बड़ी घोषणा

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंहने घोषणा की कि इस वर्ष से छात्रों को स्कूल में प्रवेश करते ही किताबें उनके बैग में उपलब्ध होंगी। यह पहली बार है जब राज्य भर में शैक्षणिक सामग्री समय पर वितरित की गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे छात्रों को तकनीकी शिक्षा और आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिलेंगे।

बेटियों के लिए साइकिल योजना

मंत्री ने यह भी घोषणा की कि जुलाई से बेटियों को साइकिल दी जाएगी, जिससे वे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, उन्होंने यह बताया कि शिक्षा विभाग और शिक्षकों को बधाई दी जाती है कि इस बार सभी विद्यार्थी अपनी नई कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं, जो एक ऐतिहासिक पहल है।

शिक्षा पोर्टल 3.0 का शुभारंभ

कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा पोर्टल 3.0 का शुभारंभ भी किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की कोशिश की जाएगी। यह पोर्टल सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश से संबंधित कार्यों को सुलभ तरीके से प्रदान करेगा।

जिले में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम

राज्यभर में जिले के प्रभारी मंत्री जिले स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इन कार्यक्रमों में सांसद, विधायक और अन्य जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें वितरित की गईं। इसके अलावा, शालेय स्तर पर अभिभावकों का स्वागत किया गया और बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया गया।

कौन थे हर्षि सांदीपनि

  • भगवान श्री कृष्ण और बलराम के गुरु महर्षि सांदीपनि थे।

  • सांदीपनि ने श्री कृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा दी थी।

  • गुरु सांदीपनि का आश्रम मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है।

  • शिक्षा पूरी होने के बाद जब गुरु दक्षिणा की बात आई, तो ऋषि सांदीपनि ने एक दैत्य शंखासुर का उल्लेख किया।

  • गुरु सांदीपनि ने बताया कि शंखासुर नामक दैत्य ने उनका पुत्र उठाकर ले गया था।

  • श्री कृष्ण ने गुरु दक्षिणा में शंखासुर का वध करके गुरु के पुत्र को वापस लौटाया।

  • उनके नाम पर कई विद्यालय और शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए हैं, जो उनकी शिक्षा और योगदान को सम्मानित करते हैं।

सांदीपनि आश्रम के बारे में जानिए

  • सांदीपनि आश्रम मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है।
  • प्राचीन उज्जैन, महाभारत काल में शिक्षा का प्रतिष्ठित केंद्र था।
  • भगवान श्री कृष्ण और सुदामा ने गुरु सांदीपनि के आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी।
  • महर्षि सांदीपनि का आश्रम उज्जैन के मंगलनाथ रोड पर स्थित है।
  • आश्रम के पास का क्षेत्र अंकपात के नाम से जाना जाता है, जहां भगवान कृष्ण अपनी लेखनी धोते थे।
  • अंकपात में एक पत्थर पर अंक 1 से 100 तक उकेरे गए थे, जो गुरु सांदीपनि द्वारा बनाए गए थे।
  • पुराणों में गोमती कुंड का उल्लेख है, जो आश्रम में पानी की आपूर्ति का स्रोत था।
  • तालाब के पास नंदी की एक छवि शुंग काल (2nd century BCE) की है।
  • वल्लभ संप्रदाय के अनुयायी इस स्थान को वल्लभाचार्य की 84 सीटों में से 73 वीं सीट मानते हैं, जहाँ उन्होंने भारत भर में प्रवचन दिए।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें