मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव आज 614.53 करोड़ रुपए की लागत की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन करेंगे। इस अवसर पर देश के जलशक्ति मंत्रालय के मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद रहेंगे। इसकी अध्यक्षता एमपी के जल संसाधन विभाग मंत्री तुलसीराम सिलावट करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद अनिल फिरोजिया, बाल योगी उमेशनाथ महाराज, मध्य प्रदेश शासन के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री एवं उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल शामिल होंगे।
संतों और श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उपलब्ध होगा शुद्ध जल
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि सभी नदियां निरंतर प्रवाहमान रहें और सिंचाई की भूमि बढ़ाई जाए। इसी कड़ी में, आज 13 जनवरी को सीएम मोहन यादव सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य शिप्रा नदी को सदैव प्रवाहमान बनाए रखना है। इस परियोजना के तहत, आगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 में शिप्रा नदी का शुद्ध और निर्मल जल संतों और श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उपलब्ध होगा।
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सेवरखेड़ी गांव में होगा बैराज का निर्माण
यह परियोजना शिप्रा नदी को लगातार प्रवाहमान रखने के साथ-साथ उज्जैन को भविष्य में पेयजल उपलब्ध कराने में भी मददगार साबित होगी। इसमें 27 एमसीएम जल पीने के लिए और 51 एमसीएम जल शिप्रा नदी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए दिया जाएगा। इसके तहत, सेवरखेड़ी गांव में एक बैराज का भी निर्माण किया जाएगा। जिससे बारिश के जल को सिलारखेड़ी के तालाब में जमा किया जाएगा। इसके लिए सेवरखेड़ी से सिलारखेड़ी तक 6.50 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना को मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
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कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना
इसके अलावा, कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना के जरिए कान्ह नदी के गंदे जल को शिप्रा में मिलने से रोका जाएगा। इसके लिए ग्राम जमालपुरा में कान्ह नदी पर एक बैराज बनेगा। जिससे गंदा जल क्लोज डक्ट के जरिए डायवर्ट होगा। इस परियोजना की कुल लंबाई 30.15 किमी होगी, जिसमें 18.15 किमी लंबाई में कट एण्ड कव्हर तकनीक से क्लोज डक्ट और 12 किमी लंबाई में टनल का निर्माण होगा। इस टनल के निर्माण में 4 शॉफ्ट भी बनाए जाएंगे। जिससे सफाई और पहुंचने में आसानी होगी। इस परियोजना को 25 साल तक की जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है।
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