सीएम मॉनिट बैठक में खुलासा: 5 दिन में निपटने वाली 461 फाइलें रोकी गईं

सीएम मॉनिट बैठक में खुलासा हुआ कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों की 2089 फाइलें लंबित हैं, जिनमें 461 ए+ फाइलें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने तेजी से निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।

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Siddhi Tamrakar
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भोपाल में हाल ही में हुई सीएम मॉनिट बैठक में खुलासा हुआ कि 2089 फाइलें विभिन्न विभागों में लंबित हैं। इनमें से 461 'ए+' फाइलें हैं, जिन्हें 24 घंटे से 5 दिनों के भीतर निपटाया जाना चाहिए था। ये फाइलें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिक घोषणाओं, ट्रांसफर और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ी हैं। 

बैठक में क्या हुआ?

मुख्यमंत्री कार्यालय की मॉनिटरिंग प्रक्रिया की शुरुआत मई 2024 में नहीं हुई थी। अगस्त से इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया गया, और अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। 29 नवंबर को हुई बैठक में जब विभागीय रिपोर्ट मांगी गई, तब 2089 लंबित फाइलें सामने आईं। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में निर्देश दिया कि लंबित फाइलों का निपटारा तेजी से किया जाए और प्राथमिकता वाले कार्यों में कोई देरी न हो।

फाइलें रुकने के पीछे कई कारण बताए

विभागीय अधिकारियों ने फाइलों को रोकने के कई कारण बताए जैसे बजट की कमी, केंद्र सरकार से संबंधित प्रक्रियाएं, या जिलों के परिसीमन। सबसे अधिक लंबित मामले गृह विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामान्य प्रशासन, नगरीय विकास, पीडब्ल्यूडी, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में हैं।

'ए+' और 'ए' फाइलों की प्रक्रिया:

ए+ फाइलें: इन्हें 24 घंटे से 5 दिन के भीतर निपटाना अनिवार्य है।

ए फाइलें: 15 दिनों में निपटाई जानी चाहिए।

बी फाइलें: विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित होती हैं।

सी फाइलें: आम जनता की शिकायतों से संबंधित होती हैं।

‘ए+’ फाइलों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री सचिवालय करता है। यदि फाइल का निपटारा नहीं होता है, तो इसका ठोस कारण देना अनिवार्य है।

इतने जरूरी मामले हैं पेंडिंग:

विभागए+ पेंडिंगए पेंडिंग
गृह76268
पंचायत एवं ग्रामीण36126
जीएडी कार्मिक3671
नगरीय विकास26126
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा2495
लोक निर्माण24143
स्कूल शिक्षा51111
वन2397
जनजातीय कार्य2140
राजस्व16100
जीएडी (कर्मचारी)920
उच्च शिक्षा1250
कृषि1133

FAQ

सीएम मॉनिट क्या है?
सीएम मॉनिट मुख्यमंत्री कार्यालय की मॉनिटरिंग प्रक्रिया है, जो प्राथमिक फाइलों और घोषणाओं का निपटारा सुनिश्चित करती है।
'ए+' फाइलों का क्या महत्व है?
'ए+' फाइलें अत्यधिक प्राथमिकता वाली होती हैं, जिनका निपटारा 24 घंटे से 5 दिनों में करना अनिवार्य है।
फाइलों के लंबित होने के मुख्य कारण क्या हैं?
बजट की कमी, केंद्र सरकार से जुड़े मामलों, जिलों के परिसीमन और पदस्थापनाओं में समस्याएं प्रमुख कारण हैं।
मॉनिटरिंग प्रक्रिया कब शुरू हुई?
अगस्त 2024 में मॉनिटरिंग प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई, और अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं।
'ए' और 'बी' फाइलों में क्या अंतर है?
'ए' फाइलें 15 दिनों में निपटाई जाती हैं, जबकि 'बी' फाइलें विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित होती हैं।

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