वाणिज्यिक कर विभाग ने जारी किया गलत आदेश, अधिकारी-कर्मचारी हो रहे कंफ्यूज
मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग ने जारी किया आदेश गलत। इससे विभाग में अफसरों के बीच कंफ्यूजन पैदा हो गया। जानें क्या थीं गड़बड़ियां और आदेश में कौन सी गलतियां हुईं।
BHOPAL.मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग ने एक बार फिर गलत आदेश जारी किया है। इससे विभाग में कंफ्यूजन का माहौल बना हुआ है। जो आदेश जारी किया गया है, उसमें वाणिज्यिक कर अधिकारी को उपायुक्त का उच्च पद का प्रभार दिए जाने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि उक्त अधिकारी को नियमों के खिलाफ जाकर दो जम्प दे दिए गए।
आदेश में हैं ये गलतियां, देखें आदेश की कॉपी
जानकारों के मुताबिक, विभाग ने गलत आदेश जारी कर दिया है। इसमें वाणिज्यिक कर अधिकारी की बजाय वाणिज्यिक कर के अधिकारी लिखा जाना चाहिए था। इतना ही नहीं, इस ऑर्डर में ही क्रम संख्या 3 में भोपाल संभाग दो से अमृता जैन (दुबे) को रिलीव करने का आदेश जारी किया गया है। लेकिन, इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कहां के लिए रिलीव किया गया है।
विभाग के जानकारों ने इसके साथ ही आदेश में एक और गलती को बताया है। इसके मुताबिक, नंबर एक पर दर्ज जलज रावत अभी सहायक आयुक्त हैं और उनका नाम सीधे उपायुक्त (उच्च पद का प्रभार) की सूची में डाल दिया गया। यह भी एक गलती है। नियमों के मुताबिक, उन्हें पहले उपायुक्त के पद पर पदस्थ किया जाना था। इसके बाद ही उन्हें उच्च पद का प्रभार दिया जा सकता है।
पहले भी आदेश जारी करने में हुई थी गड़बड़
हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब वाणिज्यिक कर विभाग ने ऐसी गलती की हो। इससे पहले भी वह ऐसा कारनामा कर चुकी है। लगभग महीने भर पहले ही विभाग ने पुराने अफसरों को हटाए बिना ही नए तबादले कर दिए थे। इस वजह से एक ही जगह पर दो-दो डिप्टी कमिश्नर हो गए थे। उस दौरान करीब दर्जन भर तबादला आदेश जारी किए गए थे।
👉 गलत आदेश और कंफ्यूजन: वाणिज्यिक कर विभाग ने गलत आदेश जारी किया, जिससे विभाग में कंफ्यूजन फैल गया। इसमें नियमों के खिलाफ अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार दिया गया।
👉 विभागीय गड़बड़ियां: कई स्थानों पर एक ही पद पर दो अधिकारियों की नियुक्ति हुई, जैसे मंडीदीप और नरसिंहपुर में, जिसके कारण रिलीविंग और जॉइनिंग में दिक्कतें आईं।
👉 कई जगहों नहीं हैं अफसर: कई जिलों में अफसरों की पोस्टिंग नहीं हो पाई, जैसे छतरपुर के नौगांव में एक साल से कोई अफसर नहीं है, और उच्च पद के प्रभार में भी अड़चने आईं।
ऐसे समझें क्या हुईं थीं गड़बड़ियां...
ग्वालियर के डिप्टी कमिश्नर परमानंद सौंधिया को ग्वालियर वृत्त 3 भेजा गया। हरिदास भालेकर को सागर भेजा गया, लेकिन भोपाल वृत्त 5 में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर मिथलेश वामनकर की पोस्टिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ। इससे उन अफसरों की रिलीविंग में दिक्कतें आईं थीं।
मंडीदीप में भी सामने आई थी गड़बड़ियां
मंडीदीप में भी दो डिप्टी कमिश्नर नियुक्त हो गए थे, जिसमें नरेन्द्र सिंह चौहान को भेजा गया जबकि प्रीति प्रभुलता पन्ना पहले से ही मंडीदीप में पदस्थ थीं। इसी तरह, नरसिंहपुर में सुप्रिया पाठक का ट्रांसफर किया गया लेकिन पुराने अफसर का ट्रांसफर निरस्त कर दिया गया।
कई जगह खाली पड़े रहे पद
कुछ अन्य तबादलों में भी विसंगतियां सामने आई हैं। कई जगह अफसरों की पोस्टिंग खाली पड़ी हैं, जैसे छतरपुर के नौगांव में एक साल से कोई अफसर नहीं है। वहीं, कुछ अफसरों को उच्च पद का प्रभार नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि प्रमोशन (पदोन्नति) का मामला अटक गया है।