मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ESB) भोपाल द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को शिकायत हुई है। शिकायकर्ता सुदर्शन सोलंकी एवं कार्तिक गिरवाल द्वारा प्रदेश स्तर पर इसे लेकर कई बार शिकायत हुई, लेकिन निराकरण नहीं होने पर अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय एवं महामहिम राष्ट्रपति से कर दी गई है।
ईएसबी के खिलाफ शिकायत कर अभ्यर्थियों की तरफ से निवेदन किया है कि उनकी शिकायत पर जांच की जाएं और योग्य उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जाए।
दो शिफ्ट में एक ही प्रश्न के अलग- अलग जवाब मान्य
उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 (परीक्षा दिनांक- 04/03/2023) में बायोलॉजी विषय की शिफ्ट-1 (Q.ID:2657261) में प्रश्न पूछा गया कि पारा प्रदूषण के कारण ............ होती है- का सही उत्तर मिनामाता रोग को माना गया, जबकि शिफ्ट-2 (Q.ID:2657236) में प्रश्न मिनामाता रोग किसके विषैले प्रभाव के कारण होता है- का सही उत्तर पारा न मानते हुए प्रश्न को निरस्त कर दिया गया। ईएसबी द्वारा इसका कारण हिंदी अनुवाद में त्रुटि बताया गया है। जबकि दोनों ही शिफ्ट में मिनामाता रोग का अंग्रेजी एवं हिंदी अनुवाद एक समान ही था।
प्वाइंट अंक के कारण उम्मीदवार हो गए बाहर
शिकायत में है कि ईएसबी के इस पक्षपात के कारण शिफ्ट-2 के कई योग्य उम्मीदवारों को दशमलव में अंक मिलने के कारण वह अपात्र हो गए और शिफ्ट-2 के ही जिन उम्मीदवारों को इस प्रश्न का उत्तर नहीं पता था, उन्हें इस प्रश्न के निरस्त होने का लाभ मिल गया। इसके कारण योग्य उम्मीदवार अपात्र हो गए है, जबकि अयोग्य उम्मीदवारों को पात्रता मिल गई।
एक ही परीक्षा में दोहरे मापदंड
अभ्यर्थियों ने कहा है कि नियम पुस्तिका में यह नहीं लिखा हुआ है कि एक ही परीक्षा में दोहरे मापदंड अपनाए जाएंगे। यदि प्रश्न एक शिफ्ट में सही है, तो दूसरी शिफ्ट में गलत क्यों? क्या ईएसबी एक ही परीक्षा में हर शिफ्ट के लिए अलग- अलग नियम से मूल्यांकन करेगा?
यदि पहली शिफ्ट का दूसरी शिफ्ट से कोई सम्बन्ध नहीं है तो फिर दोनों शिफ्ट के मार्क्स आपस में नॉर्मलाइजेशन कर परिणाम क्यों जारी किया गया? नियम पुस्तिका में कहीं भी इस तरह के केस जिसमें एक ही प्रश्न एक ही परीक्षा में एक से अधिक शिफ्ट में पूछा जाए तो इस पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए इसका कोई उल्लेख नहीं है।
हर जगह कर चुके हम शिकायत
अभ्यर्थी सुदर्शन सोलंकी एवं कार्तिक गिरवाल ने बताया की प्रदेश स्तर पर कई बार शिकायत करने के बाद भी शासन-प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 के बाद उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा आयोजित हो चुकी है और इसका परिणाम आकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन अभी तक तक पात्रता परीक्षा में हुए पक्षपात पर न्याय दिलाने के लिए विषय विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर निर्णय नहीं किया जा रहा है।
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